Himachal News: कुल्लू के मलाणा गांव में तीन दिन पहले भारी बारिश ने तबाही मचाई। मलाणा नाले में बाढ़ से बांध क्षतिग्रस्त हुआ। लकड़ी का पुल बह गया। ग्रामीणों ने सरकारी मदद की उम्मीद छोड़ी। वे खुद नया पुल बना रहे हैं। 2024 में भी बाढ़ से पुल बर्बाद हुआ था। राशन की लागत तीन गुना बढ़ गई। ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हुई।
बाढ़ ने तोड़ा पुल, बांध को नुकसान
तीन दिन पहले मलाणा नाले में बाढ़ आई। मलाणा बांध को भारी नुकसान हुआ। गांव का लकड़ी का पुल बह गया। इससे मलाणा का संपर्क टूट गया। 2024 की बाढ़ में भी यही हुआ था। ग्रामीणों ने तब भी खुद पुल बनाया था। इस बार भी वे सरकारी मदद के बिना निर्माण में जुटे हैं। डीसी कुल्लू ने सड़क और पुल निर्माण के लिए निर्देश दिए।
राशन की लागत तीन गुना बढ़ी
मलाणा में सड़क और पुल की कमी से राशन महंगा हो गया। 100 रुपये की चीज 300 रुपये में पहुंच रही है। राशन जरी से जीप द्वारा बांध तक लाया जाता है। फिर झूले से नदी पार की जाती है। मजदूर इसे गांव तक ले जाते हैं। इससे लागत बढ़ रही है। ग्रामीणों को राशन लाने में भारी परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों की आत्मनिर्भरता
मलाणा के ग्रामीणों ने हार नहीं मानी। वे मिलकर लकड़ी का पुल बना रहे हैं। पूर्व प्रधान भागी राम ने कहा कि बुधवार शाम तक पुल तैयार हो जाएगा। पिछले साल भी ग्रामीणों ने खुद पुल बनाया था। इस बार भी वे सरकारी मदद की प्रतीक्षा नहीं कर रहे। सड़क न होने से मरीजों को भी दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों की यह मेहनत आत्मनिर्भरता की मिसाल है।
सड़क और मरीजों की परेशानी
सड़क न होने से मलाणा में मरीजों को मुश्किल हो रही है। उन्हें पैदल या पीठ पर ले जाना पड़ता है। गैस सिलेंडर की कीमत 1000 से 2200 रुपये हो जाती है। पिछले साल ग्रामीणों ने हेलीपैड बनाया था। लेकिन हेलीकॉप्टर लैंडिंग नहीं हुई। इससे उनकी मेहनत बेकार गई। ग्रामीण स्थायी सड़क और पुल की मांग कर रहे हैं। प्रशासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद है।
