New Delhi: कांग्रेस पार्टी ने दो बड़े मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने का फैसला किया है। पार्टी रायबरेली में दलित युवक की हत्या और सीजेआई पर हमले के मामले को लेकर सरकार पर हमला बोलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी मिलकर संयुक्त बयान जारी करेंगे।
कांग्रेस की रणनीति स्पष्ट है। पार्टी का कहना है कि भाजपा के शासन में दलित गरीब हो या सीजेआई सभी निशाने पर हैं। उनका मानना है कि संविधान और लोकतंत्र खतरे में पड़ गए हैं। इस थीम पर पार्टी अपना राजनीतिक हमला तैयार कर रही है।
यूपी में सियासी हमला
रायबरेली में दलित युवक की हत्या के मामले में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर काम करेगी। अखिलेश यादव के साथ मिलकर पार्टी यूपी में सरकार पर दबाव बनाएगी। इस मुद्दे को बिहार चुनाव में भी उठाने पर विचार चल रहा है।
कांग्रेस नेता मानते हैं कि ये मुद्दे जनता तक पहुंचने में कारगर साबित होंगे। दलित समुदाय और न्यायपालिका दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं। पार्टी इन मुद्दों को लेकर सड़क से संसद तक आंदोलन चलाने की योजना बना रही है।
सीजेआई पर हमले की निंदा
कांग्रेस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई घटना की कड़ी निंदा की। पार्टी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश पर हमला संविधान पर हमला है। सोनिया गांधी ने कहा कि इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश गवई बहुत सहृदय व्यक्ति हैं। पूरा राष्ट्र गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ उनके साथ एकजुटता में खड़ा होना चाहिए। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
खरगे का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सीजेआई पर हमले के प्रयास को शर्मनाक और घृणित बताया। उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका की गरिमा और कानून के शासन पर हमला है।
खरगे ने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति को निशाना बनाया जाता है तो यह बहुत परेशान करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि यह घटना डराने और अपमानित करने के प्रयास को दर्शाती है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सीजेआई पर हमला न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है। उन्होंने कहा कि यह संविधान की भावना के खिलाफ है।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में इस तरह की घृणा के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने इस कृत्य की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों की समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की घटना
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अभूतपूर्व घटना घटी। कार्यवाही के दौरान एक 71 वर्षीय वकील ने प्रधान न्यायाधीश की ओर जूता उछालने का प्रयास किया। आरोपी वकील की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई।
वह मंच के पास पहुंचा और अपना जूता निकालकर न्यायाधीशों की ओर उछालने लगा। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश ने अद्भुत संयम दिखाया। उन्होंने अदालत कक्ष में मौजूद वकीलों से शांत रहने का आग्रह किया।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह चुप्पी चिंता का विषय है।
पार्टी नेता पूछ रहे हैं कि क्या यह हमले की मौन स्वीकृति है। उनका मानना है कि सरकार को तुरंत इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। न्यायपालिका की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
