Chhattisgarh News: महासमुंद जिले में मॉब लिंचिंग की दर्दनाक घटना हुई है। ग्रामीणों ने चोरी के आरोप में एक दलित व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला। मृतक की पहचान पचास वर्षीय कौशल सहिस के रूप में हुई है। वह बागबाहरा विकासखंड के मोहबा गांव का निवासी था।
यह घटना ग्राम पतेरापाली में शनिवार को हुई। कौशल सहिस का शव रविवार सुबह गांव से पांच सौ मीटर दूर मुक्तिधाम के पास मिला। पुलिस ने पहले अज्ञात शव मानकर पंचनामा तैयार किया। बाद में मृतक की पहचान होने पर परिजनों को शव सौंप दिया गया।
घटना का क्रम
शनिवार सुबह दस बजे कौशल सहिस को रेलवे पटरी के पास देखा गया। वह वन भूमि पर केबल जलाकर तांबे का तार निकाल रहा था। धुएं को देखकर ग्रामीण वहां पहुंचे। उन्होंने कौशल को पकड़कर उसके हाथ बांध दिए। ग्रामीणों ने सरपंच हेमंत चंद्राकर को सूचना दी।
कौशल को बंधे हाथों के साथ गांव लाया गया। उसे नंगे पांव पीटते हुए महावीर चौक ले जाया गया। वहां उसे नीम के पेड़ के नीचे बैठा दिया गया। चोर पकड़े जाने की खबर से गांव में भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने उसे जमकर पीटा।
फॉरेंसिक जांच के नतीजे
फॉरेंसिक टीम ने प्रारंभिक जांच में मारपीट से मौत की आशंका जताई है। मृतक के कपड़ों पर घसीटने के निशान मिले हैं। उसकी शर्ट और पैंट पर मिट्टी के निशान पाए गए हैं। हाथों पर संघर्ष के स्पष्ट चिन्ह दिखाई दे रहे हैं।
मृतक के सिर के नीचे की मिट्टी गीली पाई गई। उसके मुंह में पानी भरा हुआ था। फॉरेंसिक विशेषज्ञों का मानना है कि उसे बचाने की कोशिश में पानी पिलाया गया होगा। आंतरिक चोटों से मौत की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस की जांच
कोतवाली प्रभारी शरद दुबे ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने सरपंच हेमंत चंद्राकर से पूछताछ की। सरपंच ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने भी खामोशी साध ली। कोई भी व्यक्ति पुलिस को जानकारी देने को तैयार नहीं हुआ।
एडिशनल एसपी प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि शव की शिनाख्त हो गई है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। अन्य सबूत एकत्र किए जा रहे हैं। पूरी जानकारी मिलने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
पृष्ठभूमि
पतेरापाली गांव में पिछले दो-तीन दिनों में कई चोरियां हुई थीं। पोल्ट्री फार्म और अन्य स्थानों से केबल वायर चोरी हुई थी। ग्रामीणों को संदेह था कि कौशल सहिस इन चोरियों में शामिल है। इसी संदेह के आधार पर उसे पकड़ा गया था।
गांव के लोगों ने पुलिस को बिना सूचना दिए स्वयं न्याय करने की कोशिश की। इसी कोशिश में कौशल सहिस की मौत हो गई। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं। जांच अभी भी जारी है।
