New Delhi News: डिजिटल दुनिया में साइबर क्राइम का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ठग अब लोगों को फंसाने के लिए फर्जी SMS का सहारा ले रहे हैं। एक छोटी सी गलती से आपका बैंक खाता खाली हो सकता है। इस खतरे को देखते हुए TRAI ने बड़ा अपडेट दिया है। अब आप आसानी से पहचान सकते हैं कि आपके फोन पर आया मैसेज असली है या नकली। साइबर क्राइम से बचने के लिए यह जानकारी हर मोबाइल यूजर के लिए बहुत जरुरी है।
मैसेज हेडर से होगी असली-नकली की पहचान
TRAI ने साफ किया है कि देखने में ऑफिशियल लगने वाला हर मैसेज सच नहीं होता। असली मैसेज की पहचान उसके हेडर (Sender ID) में छिपी होती है। अगर मैसेज हेडर के आखिर में ‘G’ लिखा है, तो वह सरकारी मैसेज है। ‘T’ का मतलब ट्रांजैक्शन और ‘S’ का मतलब सर्विस मैसेज है। वहीं ‘P’ प्रमोशनल मैसेज के लिए इस्तेमाल होता है। इन कोड्स को चेक करके आप साइबर क्राइम का शिकार होने से बच सकते हैं।
ऐसे जाल में फंसाते हैं ठग
साइबर क्राइम करने वाले अपराधी अक्सर डर और लालच का खेल खेलते हैं। वे ‘KYC अपडेट न करने पर अकाउंट बंद होने’ का डर दिखाते हैं। कभी-कभी ‘लाखों की लॉटरी’ का लालच देते हैं। ऐसे मैसेज में हमेशा एक अनजान लिंक होता है। लोग घबराहट या खुशी में उस लिंक पर क्लिक कर देते हैं। लिंक खुलते ही आपकी निजी जानकारी चोरी हो जाती है।
निजी जानकारी देना पड़ेगा भारी
फर्जी लिंक पर क्लिक करते ही ठग आपसे बैंक डिटेल्स मांगते हैं। वे आपसे कार्ड नंबर, सीवीवी या ओटीपी पूछ सकते हैं। कई बार वे खुद को बैंक अधिकारी बताकर कॉल भी करते हैं। याद रखें, बैंक कभी भी आपसे फोन पर गोपनीय जानकारी नहीं मांगता। अपनी सतर्कता से ही आप साइबर क्राइम को रोक सकते हैं।
इन बातों का रखें खास ख्याल
किसी भी अनजान या अजीब लिंक पर क्लिक न करें। अपनी बैंकिंग डिटेल्स किसी के साथ शेयर न करें। अगर कोई मैसेज संदिग्ध लगे, तो तुरंत बैंक या कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर चेक करें। साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा हथियार आपकी जागरूकता है। TRAI की इस सलाह को मानकर आप अपने पैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
