शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

Cyber Security: आपका WiFi नहीं है सेफ, तुरंत बदलें ये 6 सेटिंग्स वरना पछताएंगे

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New Delhi: आज के डिजिटल युग में अपनी प्राइवेसी को बचाकर रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। अक्सर लोग यह मानते हैं कि इंटरनेट पर पूरी तरह से गोपनीय रहना एक मिथक है। यह सोच काफी हद तक सही भी है क्योंकि इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। आपकी प्राइवेसी का खतरा सिर्फ आपके फोन या लैपटॉप तक सीमित नहीं होता है। यह आपके पूरे होम नेटवर्क तक फैला होता है। अगर आप सावधान नहीं हैं, तो Cyber Security खतरे में पड़ सकती है।

ज्यादातर लोग अपने घर के इंटरनेट कनेक्शन को उसकी डिफॉल्ट सेटिंग्स पर ही चलाते रहते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह तरीका सुरक्षा के लिहाज से बिल्कुल भी सही नहीं है। हैकर्स और डेटा ट्रैकर्स आसानी से ऐसे नेटवर्क में सेंध लगा सकते हैं। इसलिए अपने नेटवर्क और डिवाइस दोनों की सुरक्षा बढ़ाना बेहद जरूरी हो जाता है। आज हम आपको उन 6 महत्वपूर्ण सेटिंग्स के बारे में बताएंगे जिन्हें आपको तुरंत बदल लेना चाहिए।

वेब ब्राउजर का सही चुनाव है पहला कदम

आपकी डिजिटल सुरक्षा की शुरुआत उस ऐप से होती है जिसे आप सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। हम बात कर रहे हैं आपके वेब ब्राउजर की जो इंटरनेट का दरवाजा है। अगर आपका ब्राउजर सुरक्षित नहीं है, तो बाकी सुरक्षा उपाय भी फेल हो सकते हैं। आपको हमेशा ऐसे ब्राउजर का चयन करना चाहिए जो आपकी गोपनीयता का सम्मान करे। आज के दौर में Brave और DuckDuckGo जैसे ब्राउजर बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। ये ब्राउजर यूजर्स का डेटा चोरी नहीं होने देते हैं।

इसके अलावा Tor ब्राउजर भी एक बेहतरीन विकल्प है जो आपकी पहचान छुपाने में मदद करता है। अगर आप साधारण ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं, तो ट्रैकिंग का खतरा बना रहता है। ऐसे ब्राउजर आपकी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं और डेटा विज्ञापनदाताओं को बेचते हैं। इसलिए सबसे पहले अपने ब्राउजर को बदलना प्राइवेसी की ओर पहला कदम है। सुरक्षित ब्राउजर इस्तेमाल करने से आप नेटवर्क पर काफी हद तक सेफ महसूस कर सकते हैं।

ब्राउजर की सेटिंग्स को मजबूत बनाएं

सिर्फ अच्छा ब्राउजर डाउनलोड कर लेना ही काफी नहीं होता है। आपको उसकी सेटिंग्स में जाकर भी कुछ जरूरी बदलाव करने पड़ते हैं। जब आप प्राइवेसी पर केंद्रित ब्राउजर इस्तेमाल करना शुरू करें, तो सेटिंग्स चेक करें। सुनिश्चित करें कि उसमें दी गई सभी प्राइवेसी सेटिंग्स एनेबल यानी चालू हों। उदाहरण के लिए, Zen Browser में आपको ट्रैकिंग प्रोटेक्शन का विकल्प मिलता है। इसे आप अपनी जरूरत के अनुसार बदल सकते हैं।

आप इस ब्राउजर में ट्रैकिंग प्रोटेक्शन को ‘Strict’ या ‘Custom’ मोड पर सेट कर सकते हैं। इससे वेबसाइट्स और थर्ड पार्टी ट्रैकर्स आपको फॉलो नहीं कर पाएंगे। यह छोटी सी सेटिंग आपकी Cyber Security को कई गुना बढ़ा देती है। डिफॉल्ट सेटिंग्स अक्सर कंपनियों के फायदे के लिए होती हैं, आपके लिए नहीं। इसलिए मैन्युअल रूप से जाकर इन विकल्पों को चुनना बहुत समझदारी का काम है।

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मैसेजिंग और ईमेल के लिए सुरक्षित ऐप्स

ब्राउजर के बाद नंबर आता है आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्स का। जब भी संभव हो, आपको ज्यादा सुरक्षित ऐप्स का ही उपयोग करना चाहिए। मैसेजिंग के लिए हमेशा उन ऐप्स को चुनें जो स्ट्रॉन्ग एन्क्रिप्शन की सुविधा देते हों। इसका मतलब है कि आपका मैसेज भेजने वाले और पढ़ने वाले के अलावा कोई नहीं देख सकता। साधारण ऐप्स में यह सुरक्षा अक्सर नदारद होती है।

ईमेल के लिए भी आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। GPG एन्क्रिप्शन अपनाना एक बहुत ही अच्छा कदम हो सकता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका मेल केवल वही व्यक्ति पढ़ पाएगा जिसे आपने भेजा है। बीच में कोई भी हैकर या सर्विस प्रोवाइडर उसे डिकोड नहीं कर पाएगा। अपनी डिजिटल बातचीत को निजी रखना आज के समय में बहुत बड़ी जरूरत बन गई है।

डॉक्यूमेंट्स को पासवर्ड से लॉक करें

सिर्फ ऑनलाइन बातचीत ही नहीं, आपके ऑफलाइन डॉक्यूमेंट्स भी सुरक्षित होने चाहिए। आप LibreOffice जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करके अपने दस्तावेजों को सुरक्षित कर सकते हैं। इन ऐप्स में डॉक्यूमेंट्स को पासवर्ड-प्रोटेक्ट करने की सुविधा होती है। अगर कभी आपका डिवाइस किसी गलत हाथ में लग भी जाए, तो वे आपकी फाइलें नहीं खोल पाएंगे। यह डेटा चोरी से बचने का एक बेहतरीन और सरल तरीका है।

प्राइवेट DNS का नेटवर्क में उपयोग

अब बात करते हैं डिवाइस से आगे बढ़कर पूरे नेटवर्क को सुरक्षित करने की। इसके लिए आपको प्राइवेट DNS या DNS over HTTPS का इस्तेमाल करना चाहिए। जब आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं, तो DNS ही आपको सही वेबसाइट तक ले जाता है। साधारण DNS सुरक्षित नहीं होते और सर्विस प्रोवाइडर आपकी हिस्ट्री देख सकते हैं। प्राइवेट DNS आपके ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट कर देता है।

आप इसे अपने डेस्कटॉप, लैपटॉप या मोबाइल पर अलग-अलग भी सेट कर सकते हैं। लेकिन सबसे अच्छा तरीका है कि इसे सीधे अपने राउटर में सेट कर दें। कई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर राउटर में ही प्राइवेट DNS सेट करने की सुविधा देते हैं। इससे फायदा यह होता है कि आपके घर के नेटवर्क से जुड़ा हर डिवाइस अपने आप सुरक्षित हो जाता है। यह एक सेटिंग पूरे घर की सुरक्षा कवच बन सकती है।

बेहतरीन DNS विकल्पों का चुनाव

अगर आप सोच रहे हैं कि कौन सा DNS इस्तेमाल करें, तो इसके कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं। आप अपनी WiFi सेटिंग्स में Cloudflare का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको 1.1.1.1 और 1.0.0.1 डालना होगा। यह दुनिया के सबसे तेज और सुरक्षित DNS में से एक माना जाता है। इसके अलावा आप Google DNS का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके कोड 8.8.8.8 और 8.8.4.4 हैं।

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नेटवर्क लेवल पर विज्ञापनों को रोकना

ब्राउजर में विज्ञापन रोकने के लिए तो हम एक्सटेंशन इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन नेटवर्क लेवल पर विज्ञापनों को रोकना एक अलग और बेहतर स्तर की सुरक्षा है। आप अपने WiFi नेटवर्क की सेटिंग्स बदलकर विज्ञापनों और ट्रैकर्स को पूरे घर के लिए ब्लॉक कर सकते हैं। इससे वे विज्ञापन भी रुक जाते हैं जो सामान्य ब्राउजर नहीं पकड़ पाते। यह स्मार्ट डिवाइसेज के लिए बहुत फायदेमंद है।

आजकल घरों में स्मार्ट टीवी और अन्य स्मार्ट गैजेट्स का इस्तेमाल बढ़ गया है। इन डिवाइसेज में भी कई तरह के ट्रैकर्स छिपे होते हैं। नेटवर्क लेवल ब्लॉकिंग से आपका स्मार्ट टीवी भी सुरक्षित रहता है। यह आपकी प्राइवेसी में दखल देने वाले गुप्त ट्रैकर्स को भी रोकता है। इसके लिए आपको बस अपनी DNS सेटिंग्स में थोड़ा बदलाव करना होगा। यह तरीका आपकी Cyber Security को बहुत मजबूत बना देता है।

सर्च इंजन बदलते ही बढ़ेगी सुरक्षा

ज्यादातर लोग इंटरनेट पर कुछ भी खोजने के लिए सीधे Google का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करके आप अपनी बहुत सारी जानकारी Google को दे देते हैं। वह आपके हर सर्च को ट्रैक करता है और उसी हिसाब से विज्ञापन दिखाता है। अपनी प्राइवेसी बचाने के लिए आपको डकडकगो (DuckDuckGo) जैसे सर्च इंजन का इस्तेमाल करना चाहिए। यह सर्च इंजन आपके डेटा को ट्रैक नहीं करता है।

इसके अलावा आप और भी आधुनिक और सुरक्षित टूल्स का उपयोग कर सकते हैं। YaCy एक ऐसा ही बेहतरीन सर्च टूल है जो डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क पर काम करता है। इसे आप अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड करके इंस्टॉल कर सकते हैं। यह Windows, Linux और macOS सभी पर काम करता है। यह किसी एक कंपनी के सर्वर पर निर्भर नहीं रहता, जिससे आपकी सर्च हिस्ट्री पूरी तरह निजी रहती है।

पासवर्ड बनाते समय बरतें सावधानी

अंत में, सबसे जरूरी चीज है आपका WiFi पासवर्ड। आपको अपने नेटवर्क के लिए हमेशा एक बहुत ही मजबूत पासवर्ड चुनना चाहिए। कमजोर पासवर्ड हैकर्स के लिए खुले दरवाजे की तरह होते हैं। एक मजबूत पासवर्ड में नंबर, अक्षर और स्पेशल साइन जैसे @ या ! का मिश्रण होना चाहिए। कभी भी अपना नाम या जन्मतिथि पासवर्ड में न रखें।

अगर आपको एक मुश्किल पासवर्ड सोचने में दिक्कत हो रही है, तो आप तकनीक का सहारा ले सकते हैं। आप इसके लिए आज के दौर के AI चैटबॉट की मदद ले सकते हैं। वे आपको ऐसे जटिल पासवर्ड बनाकर दे सकते हैं जिन्हें तोड़ना नामुमकिन होगा। अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहना भी एक अच्छी आदत है। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप बड़ी मुसीबतों से बच सकते हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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