शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

साइबर धोखाधड़ी: शातिरों ने सीबीआई और ईडी का डर दिखाकर लूटे 23 करोड़ रुपये, जानें कैसे दिया वारदात को अंजाम

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Delhi News: दिल्ली में एक बड़ा साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। दक्षिण दिल्ली के गुलमोहर पार्क में रहने वाले 78 वर्षीय एक रिटायर्ड बैंकर को ठगों ने लगभग 23 करोड़ रुपये की रकम ठगी है। ठगों ने खुद को पुलिस, ईडी और सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग को डराया धमकाया। पीड़ित ने डर के मारे एक महीने के भीतर 20 लेनदेन में यह बड़ी रकम ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दी।

दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने अब तक 12.11 करोड़ रुपये वाले खातों को फ्रीज कर दिया है। शेष रकम के बारे में जांच जारी है। यह मामला चार अगस्त से चार सितंबर के बीच की अवधि का है। पीड़ित ने 19 सितंबर को आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी।

ठगी की विधि और घटनाक्रम

यह घटना चार अगस्त को एक लैंडलाइन कॉल से शुरू हुई। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर बताया। उसने दावा किया कि पीड़ित का आधार कार्ड ड्रग तस्करी में इस्तेमाल हुआ है। इसके बाद ठगों ने फर्जी ईडी और सीबीआई अधिकारियों के साथ वीडियो कॉल का सहारा लिया। उन्होंने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया।

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ठगों ने पीड़ित को धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को बताया तो उनके परिवार को नुकसान पहुंचेगा। इस डर के चलते बुजुर्ग ने ठगों की हर बात मानी। उन्होंने अपने शेयर बेचे और विभिन्न बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर किए। ठगों ने फर्जी बेल ऑर्डर और आरबीआई दस्तावेज दिखाकर भरोसा बनाए रखा।

पुलिस की जांच और कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्परता दिखाई। आईएफएसओ इकाई ने तुरंत खातों को ट्रेस करना शुरू किया। जॉइंट कमिश्नर राजनीश गुप्ता ने बताया कि ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल नंबर ट्रेस किए जा चुके हैं। पुलिस का मानना है कि यह गैंग बहुत ही परिष्कृत तरीके से काम करता है।

पुलिस को संदेह है कि यह गैंग विदेश से संचालित हो सकता है। संभावित स्थानों में म्यांमार, कंबोडिया या लाओस जैसे देश शामिल हैं। पुलिस ने बैंकों के साथ समन्वय स्थापित किया है। वित्तीय लेनदेन की बारीकी से जांच की जा रही है।

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साइबर अपराधों में बढ़ोतरी का चलन

यह मामला दिल्ली में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है। हाल के महीनों में बुजुर्ग नागरिकों को निशाना बनाने के कई मामले सामने आए हैं। नोएडा में एक 92 वर्षीय प्रोफेसर से भी ठगी का मामला दर्ज हुआ था। साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अपराधों में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल में ऐसे धोखाधड़ी के मामलों के प्रति लोगों को आगाह किया था। उन्होंने लोगों से अनजान कॉल्स पर विश्वास न करने की सलाह दी थी। साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। अधिकारी लोगों को सचेत करते हैं कि कोई वास्तविक एजेंसी फोन पर गिरफ्तारी की चेतावनी नहीं देती।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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