Himachal News: बिलासपुर पुलिस ने साइबर ठगी की एक नई विधा का खुलासा किया है। ठग अब लोक अदालत के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं। ये ठग फोन कॉल के जरिए लोगों को उनके वाहन के लंबित चालान के बारे में बताते हैं। वे पीड़ितों को लालच देते हैं कि बिना अदालत आए चालान निपटाया जा सकता है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव चौधरी ने बताया कि यह तरीका तेजी से फैल रहा है। लोक अदालत का नाम सुनकर लोग इसे सरकारी प्रक्रिया समझ लेते हैं। ठग पीड़ित का विश्वास जीतने के बाद ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं। कई मामलों में फर्जी चालान लिंक या क्यूआर कोड भी भेजे जा रहे हैं।
कैसे करते हैं ठगी
साइबर ठग पहले फोन करके पीड़ित को उसके वाहन का चालान बताते हैं। वे कहते हैं कि चालान लोक अदालत में लंबित है। फिर वे आश्वासन देते हैं कि बिना अदालत आए चालान निपटाया जा सकता है। ठग खुद चालान भुगतान कराने का प्रस्ताव रखते हैं।
इसके बाद वे पीड़ित से ऑनलाइन भुगतान की मांग करते हैं। कुछ मामलों में फर्जी पेमेंट लिंक भेजे जाते हैं। क्यूआर कोड स्कैन करवाकर भी पैसे ऐंठे जा रहे हैं। पीड़ित सरकारी प्रक्रिया समझकर भुगतान कर देता है।
पुलिस ने जारी की चेतावनी
बिलासपुर पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि लोक अदालतें इस तरह का फोन कॉल नहीं करतीं। किसी भी अनजान नंबर से आई चालान की कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए। न ही किसी के कहने पर पैसे ट्रांसफर करने चाहिए।
पुलिस ने सलाह दी कि वाहन चालान की जानकारी आधिकारिक वेबसाइटों से ही लेनी चाहिए। किसी भी प्रकार की संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। हेल्पलाइन नंबर 112 या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
क्यों सफल हो रही है यह चाल
लोक अदालत का नाम सुनते ही लोग इसे विधिक प्रक्रिया मान लेते हैं। उन्हें लगता है कि यह सरकारी व्यवस्था का हिस्सा है। चालान के डर से वे जल्दी से जल्दी निपटाना चाहते हैं। ठग इस मनोवैज्ञानिक दबाव का फायदा उठाते हैं।
ज्यादातर लोगों को लोक अदालत की प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं होती। वे नहीं जानते कि लोक अदालतें इस तरह की कॉल नहीं करतीं। इस अज्ञानता का फायदा ठग उठा रहे हैं। पुलिस ने लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है।
बिलासपुर में बढ़ रहे हैं मामले
बिलासपुर पुलिस के पास ऐसे कई मामले दर्ज हुए हैं। हर दिन नए पीड़ित सामने आ रहे हैं। ठगों ने इस तरीके को व्यवस्थित रूप से अंजाम देना शुरू किया है। वे अलग-अलग नंबरों से कॉल करके लोगों को फंसा रहे हैं।
पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की है। फोन नंबरों और बैंक खातों को ट्रैक किया जा रहा है। साइबर सेल ने इस मामले में विशेष टीम गठित की है। आने वाले दिनों में ठगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।
कैसे बचें ऐसी ठगी से
पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि अनजान नंबरों पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें। किसी भी तरह के चालान की जानकारी आधिकारिक स्रोतों से ही लें। ऑनलाइन भुगतान से पहले दो बार सोचें और सत्यापन करें।
अगर कोई व्यक्ति खुद को लोक अदालत का प्रतिनिधि बताए तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। वाहन चालान की स्टेटस ऑनलाइन पोर्टल पर चेक कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
