National News: ऑनलाइन निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। राज्य सीआईडी की साइबर सेल ने बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर लोगों को सतर्क रहने की आवश्यक चेतावनी जारी की है। यह गिरोह आम लोगों को करोड़पति बनाने का झूठा सपना दिखाकर उनकी हार्दिक कमाई को ठग रहा है।
इस ठगी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, व्हाट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम चैनल, मोबाइल ऐप और फर्जी वेबसाइटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ठग आकर्षक ऑफर और भारी रिटर्न का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। उनकी रणनीति में पहले छोटे निवेश पर तुरंत और अच्छा रिटर्न देना शामिल है। इससे शिकार का भरोसा जीत लिया जाता है।
कैसे काम करती है यह ठगी
जब कोई व्यक्ति पहले छोटे निवेश पर मिले रिटर्न से भरोसेमंद हो जाता है, तो उसे रेफरल इनकम और मल्टी लेवल इन्वेस्टमेंट के नाम पर अधिक पैसे लगाने के लिए उकसाया जाता है। कई मामलों में शुरुआती रकम वापस करके पूरे सिस्टम को विश्वसनीय साबित किया जाता है। लेकिन जैसे ही निवेशक बड़ी राशि लगाता है, संपर्क के सारे ऐप, लिंक और ग्रुप अचानक बंद हो जाते हैं।
साइबर सेल के अनुसार यह पूरा मॉडल पिरामिड स्कीम पर आधारित होता है। इसमें दिया जाने वाला रिटर्न किसी वास्तविक व्यापारिक गतिविधि से नहीं आता। यह पैसा नए निवेशकों द्वारा लगाई गई राशि से दिया जाता है। भारत में इस प्रकार का पिरामिड मॉडल पूरी तरह से गैरकानूनी है और इस पर पाबंदी है।
किन्हें बना रहे हैं निशाना
अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन महीनों में ऐसे साइबर ठगी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। ठग विशेष रूप से बेरोजगार युवाओं, घर में रहने वाली महिलाओं और पेंशन पर निर्भर रिटायर्ड कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं। इन लोगों की अतिरिक्त आय की चाहत का गलत फायदा उठाया जा रहा है।
सीआईडी ने लोगों से अपील की है कि वे रिटर्न की गारंटी वाली योजनाओं से दूर रहें। रेफरल इनकम और एक दिन में हजारों कमाने जैसे अवास्तविक दावों पर भरोसा न करें। किसी भी निवेश अवसर पर विचार करने से पहले संबंधित कंपनी की पंजीकरण स्थिति की जांच अवश्य करें।
कैसे बचें ऑनलाइन निवेश ठगी से
निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि संस्था सेबी या आरबीआई से मान्यता प्राप्त है या नहीं। कंपनी की कानूनी वैधता की पुष्टि करना बेहद जरूरी है। साइबर सेल ने यह सलाह भी दी है कि किसी भी संदिग्ध लिंक या विज्ञापन पर क्लिक न करें। अज्ञात स्रोतों से आए मैसेज या ईमेल को अनदेखा कर दें।
यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि वह ठगी का शिकार हो गया है, तो उसे तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल कॉल करके शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इसके अलावा साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत भी की जा सकती है। त्वरित कार्रवाई से पैसे वापस पाने की संभावना बढ़ जाती है।
इन घटनाओं से सबक लेते हुए निवेशकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। किसी भी निवेश प्रस्ताव को स्वीकारने से पहले उसकी पूरी तरह से पड़ताल कर लेनी चाहिए। वित्तीय सलाहकारों की मदद लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। सोशल मीडिया पर मिले निवेश के प्रस्तावों पर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
