शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

साइबर धोखाधड़ी: दिल्ली पुलिस ने किया साइबर गिरोह का भंडाफोड़, 700 स्कैमर गिरफ्तार, 1000 करोड़ के लेनदेन का हुआ खुलासा

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Delhi News: दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों स्कैमर गिरफ्तार किए हैं। यह अभियान ‘साइबर हॉक’ नाम से चलाया गया था। पुलिस की टीमों ने 48 घंटे तक लगातार काम किया। इस दौरान फर्जी कॉल सेंटर और धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ। शुरुआती जांच में करोड़ों रुपए के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है।

पुलिस ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक साथ छापेमारी की। इन छापों में लैपटॉप, मोबाइल फोन और कॉलिंग सिस्टम जब्त किए गए। स्कैमर वॉइस-ओवर-आईपी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे। फर्जी पहचान पत्र और बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया जाता था। डिजिटल पेमेंट टूल्स का गलत इस्तेमाल कर पैसे ठगे जाते थे।

कई तरह की साइबर धोखाधड़ी पर शिकंजा

इस कार्रवाई मेंकई तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वालों को पकड़ा गया। इनमें निवेश के झांसे देने वाले और फिशिंग करने वाले गिरोह शामिल हैं। केवाईसी स्कैम और डिजिटल पेमेंट चोरी करने के मामले भी सामने आए। पुलिस की IFSO यूनिट और जिला टीमों ने मिलकर यह सफल अभियान चलाया। आरोपी लोगों को फोन करके उनसे पैसे ठगा करते थे।

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ऑनलाइन फ्रॉड से निपटने के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। करीब 700 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क बहुत बड़ा था। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर अपने अड्डे बना रखे थे। तकनीक का गलत इस्तेमाल करके लोगों को फंसाया जाता था।

बैंक खातों पर लगी रोक

पुलिस नेकार्रवाई के दौरान कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इन खातों का इस्तेमाल ठगे गए पैसे को ट्रांसफर करने में होता था। इससे स्कैमर पैसों का लेनदेन आसानी से कर पाते थे। खातों पर रोक लगने से उनकी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। अब पुलिस इन खातों में हुए लेनदेन की जांच कर रही है।

जब्त किए गए सामान से स्कैमर्स के काम करने के तरीके के बारे में पता चलता है। उनके पास कॉल सेंटर चलाने के लिए जरूरी उपकरण थे। फर्जी दस्तावेज बनाने की मशीनें भी मिली हैं। यह गिरोह बहुत संगठित तरीके से काम कर रहा था। उन्होंने अपनी पहचान छुपाने के लिए कई तरकीबें अपनाई थीं।

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इस मामले की जांच अभी जारी है। पुलिस को और भी गिरोहों के बारे में पता चल रहा है। संदिग्ध लेनदेन की रकम हज़ार करोड़ रुपए के आसपास बताई जा रही है। यह रकम अभी तक के अनुमानों से कहीं अधिक है। पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही हैं ताकि सभी जुड़े लोगों को पकड़ा जा सके।

साइबर क्राइम से निपटने के लिए ऐसी कार्रवाई बहुत जरूरी है। आम लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना एक बड़ी चुनौती है। इससे पुलिस की तैयारी और गंभीरता का पता चलता है। भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जाने की उम्मीद है। इससे साइबर अपराधियों के मन में डर पैदा होगा।

दिल्ली पुलिस का यह कदम साइबर सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है। साथ ही, यह दूसरे अपराधियों के लिए एक चेतावनी भी है। तकनीक के सही इस्तेमाल से ही ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सकती है। पुलिस की यह सफलता एक बड़ी उपलब्धि है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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