Himachal News: साइबर अपराधियों ने अब विदेशी कंपनियों के नाम पर फर्जी निवेश योजनाएं चलाकर लोगों को ठगने का नया तरीका ईजाद किया है। धर्मशाला साइबर पुलिस के अनुसार, ठग विदेशी प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर फर्जी ईमेल और लिंक भेजकर लोगों को निवेश के लिए प्रलोभित कर रहे हैं।
कैसे काम करती है यह ठगी?
साइबर अपराधी पहले विदेशी कंपनियों के नाम से फर्जी वेबसाइट और ऐप बनाते हैं। फिर लोगों को ईमेल या व्हाट्सएप के जरिए लिंक भेजकर निवेश का झांसा देते हैं। शुरुआत में छोटे-छोटे रिटर्न देकर पीड़ित का विश्वास जीता जाता है, लेकिन बाद में सभी पैसे गायब कर दिए जाते हैं।
कुल्लू जिले में हाल ही में ऐसे ही एक मामले में कई लोगों के लाखों रुपये डूब गए। साइबर पुलिस ने बताया कि यह नया तरीका पारंपरिक ठगी के तरीकों से कहीं ज्यादा खतरनाक है।
साइबर पुलिस की सलाह
- अज्ञात नंबर से आए किसी भी लिंक या फाइल को न खोलें
- मोबाइल की सेटिंग में ऑटो डाउनलोड ऑप्शन को बंद रखें
- विदेशी कंपनियों के नाम पर आए निवेश प्रस्तावों पर भरोसा न करें
- अगर कोई जानकार व्यक्ति भी ऐसा कोई लिंक भेजे तो उसकी पुष्टि जरूर करें
एएसपी साइबर क्राइम प्रवीन धीमान ने बताया कि इस नए तरीके की जांच जारी है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर देने की अपील की है।
पहले भी हुए हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि इससे पहले भी ऑनलाइन ठगी के कई तरीके सामने आ चुके हैं। जामताड़ा (झारखंड) के रामकुमार मंडल जैसे ठगों ने ‘हेलो मास्टर’ के नाम से लोगों के बैंक खाते खाली कर दिए थे। वहीं, प्रतापगढ़ में एक गिरोह ने नौकरी के झांसे में 14 लाख रुपये की ठगी की थी।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई के लिए पीड़ित को चाहिए कि वह तुरंत बैंक और साइबर सेल को सूचित करे। साथ ही, ऐसे फर्जी लिंक्स को क्लिक न करने की सलाह दी जाती है।
साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता ही ऐसी ठगी से बचने का सबसे बड़ा हथियार है। परिवार और दोस्तों को भी इस बारे में जानकारी देना जरूरी है ताकि वे भी सतर्क रह सकें।
