Delhi News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Cyber Crime की दुनिया में बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली-एनसीआर में चल रहे अवैध कॉल सेंटर घोटाले के मुख्य आरोपी चंद्र प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुप्ता जुलाई 2024 से फरार चल रहा था। ED की टीम ने उसके ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया है। इस कार्रवाई से साइबर ठगों में हड़कंप मच गया है।
घर से मिला करोड़ों का सामान
ED ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। टीम ने 19 और 20 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर के 10 ठिकानों पर रेड मारी। इस दौरान 1.75 करोड़ रुपये के गहने और 10 लाख रुपये नकद मिले। इसके अलावा 4 लग्जरी गाड़ियां और 8 महंगी घड़ियां भी जब्त की गईं। Cyber Crime के इस केस में डिजिटल डिवाइस और कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। हालांकि, अर्जुन गुलाटी और अभिनव कालरा जैसे आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
महंगी शराब का जखीरा बरामद
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को एक और चौंकाने वाली चीज मिली। आरोपियों के ठिकानों से 220 से ज्यादा महंगी शराब की बोतलें बरामद हुईं। यह कानूनन तय सीमा से काफी ज्यादा थी। ED ने तुरंत इसकी जानकारी आबकारी विभाग को दी। अब इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज की गई है। Cyber Crime के साथ-साथ अब अवैध शराब रखने की भी जांच चल रही है।
अमेरिकियों को ऐसे बनाते थे शिकार
जांच में सामने आया कि नोएडा और गुरुग्राम से अमेरिका के लोगों को ठगा जा रहा था। आरोपी लोगों के कंप्यूटर पर माइक्रोसॉफ्ट जैसे फर्जी सिक्योरिटी अलर्ट भेजते थे। डर के मारे लोग स्क्रीन पर दिए नंबर पर कॉल करते थे। आरोपी खुद को टेक-सपोर्ट अधिकारी बताकर उनके कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लेते थे। इसके बाद निजी जानकारी चुराकर बैंक खाते खाली कर दिए जाते थे।
हवाला और क्रिप्टो से हुई मनी लॉन्ड्रिंग
यह गिरोह Cyber Crime के जरिए कमाए गए पैसे को बड़ी चालाकी से भारत लाता था। पहले पैसा फेडरल रिजर्व से जुड़े खातों के जरिए हांगकांग भेजा जाता था। वहां इसे क्रिप्टोकरेंसी में बदला जाता था। फिर शेल कंपनियों के जरिए यह पैसा वापस भारत में आरोपियों तक पहुंचता था। गिरोह ने करीब 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ठगी की है। इस काली कमाई से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां खरीदी गई थीं।
