Dharamshala News: धर्मशाला के महिला पुलिस थाने में एक चौंकाने वाला मामला दर्ज किया गया है। एक विवाहित महिला ने लुधियाना निवासी मनीष के खिलाफ साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराई है। आरोपी ने पीड़िता के बंद मोबाइल नंबर की सिम कार्ड दूसरी महिला के नाम से जारी करवा ली। इसके बाद उसने फर्जी ट्रूकॉलर प्रोफाइल बनाकर महिला की निजी तस्वीरें और व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक कर दी।
पीड़िता का सिम कार्ड कुछ समय पहले निष्क्रिय हो गया था। आरोपी मनीष ने इस अवसर का फायदा उठाया। उसने पीड़िता के मोबाइल नंबर की सिम कार्ड अपनी एक जानकार महिला के नाम से दोबारा जारी करवा ली। इस तरह आरोपी पीड़िता के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने लगा। उसने इस नंबर से एक फर्जी ऑनलाइन प्रोफाइल बनाई।
पहले भी दर्ज है ऐसा मामला
इस फर्जी प्रोफाइल पर आरोपी ने पीड़ित महिला की निजी तस्वीरें अपलोड कीं। साथ ही उसने महिला का पूरा नाम और स्थायी पता भी सार्वजनिक कर दिया। यह मामला कोई पहली बार नहीं हुआ है। आरोपी के खिलाफ 14 सितंबर 2022 को बीसीएस शिमला पुलिस थाने में भी ऐसी ही एक शिकायत दर्ज की जा चुकी है। वहां भी उस पर समान आरोप लगे थे।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने शिमला के मामले के बाद फिर वही हरकत दोहराई। इस नई शिकायत के आधार पर धर्मशाला पुलिस ने कार्रवाई की है। महिला पुलिस थाना धर्मशाला में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 78(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब इस मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस ने शुरू की जांच
कांगड़ा के एएसपी वीर बहादुर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि महिला की शिकायत पर पंजाब निवासी आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की गई है। आरोपी पर शिमला में पहले से एक मामला दर्ज है। पुलिस दोनों मामलों की गहन जांच कर रही है। साइबर अपराध की इस घटना ने लोगों की निजी सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पीड़िता ने जब अपने निष्क्रिय नंबर का दुरुपयोग होते देखा तो उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की। सिम कार्ड के दोबारा जारी होने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। कैसे आरोपी बिना उचित सत्यापन के सिम कार्ड दूसरे नाम पर प्राप्त करने में सफल रहा।
साइबर सुरक्षा का सवाल
यह घटना दोहरी पहचान की चुनौती को उजागर करती है। आरोपी ने न केवल फर्जी आईडी बनाई बल्कि दूसरे व्यक्ति के नंबर का अवैध उपयोग किया। इससे पीड़िता की निजी जिंदगी प्रभावित हुई है। साइबर दुनिया में ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।
पुलिस का कहना है कि जांच पूरी तरह से चल रही है। आरोपी के खिलाफ मौजूदा मामले की सुनवाई भी चल रही थी। इसके बावजूद उसने फिर अपराध किया। इससे आरोपी की मंशा पर संदेह पैदा होता है। पुलिस शीघ्र ही आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। सभी सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है।
यह मामला साइबर अपराधियों की बढ़ती हिम्मत को दर्शाता है। पुलिस ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रही है। लोगों को अपने मोबाइल नंबर और निजी डेटा की सुरक्षा के प्रति सजग रहने की जरूरत है। कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।
