हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में जेओए (आइटी) पेपर लीक मामले में विजिलेंस टीम मुख्य आरोपित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद के बैंक खातों को खंगालने में जुटी हुई है। उमा आजाद के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) व स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) के खातों में जमा राशि का पता लगाया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं मोबाइल फोन के माध्यम से भी कोई लेनदेन तो नहीं हुआ है। आयोग में पेपर लीक मामले में विजिलेंस व एसआइटी के पास अब तक 20 विभिन्न भर्ती परीक्षाओं से संबंधित शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं।
उमा आजाद के सचिव को नहीं लगी भनक
वीरवार को विजिलेंस की गठित एसआइटी की टीम में मंडी व बिलासपुर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व डीएसपी सहित छह सदस्यों की टीम हमीरपुर पहुंची और एसपी हमीरपुर रेणु शर्मा के साथ बैठक भी की। इसके अलावा इस मामले में पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर की भूमिका के संबंध में एसआइटी अधिक तथ्य जुटाने में जुटी हुई है। कंवर के कार्यालय से मुख्य आरोपित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद किस तरह से पेपरों को लीक करती रही और पूर्व सचिव को इसकी जरा भी भनक नहीं लगी। अहम बात यह है कि उनके कार्यालय में वरिष्ठ सहायक ही नहीं बल्कि उनका चालक व चपरासी भी पेपरों को लीक करवाकर अपने बच्चों से परीक्षाएं दिलाते रहे।
पूर्व सचिव के चपरासी को गिरफ्तार कर सकती है विजिलेंस टीम
संभावना जताई जा रही है कि विजिलेंस टीम पूर्व सचिव के चपरासी को गिरफ्तार कर सकती है। वीरवार को तीसरे दिन भी सरकार की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के चेयरमैन एवं शिक्षा विभाग के सचिव अभिषेक जैन व टीम आयोग के सुर्खियों में आने के बाद अब इसकी गतिविधियों को किस तरह सुधार कर सुचारू किया जा सके, के संबंध में रिपोर्ट बनाने में जुटे रहे। आयोग के ओएसडी जितेंद्र सांजटा भी टीम को अपना सहयोग और सुझाव दे रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर रेणु शर्मा का कहना है कि अब तक विजिलेंस आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है और उनका पुलिस रिमांड लेकर कड़ी पूछताछ करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पूर्व सचिव भी पूछताछ के घेरे में है और उनके चपरासी से भी पूछताछ की जारी है।
MBBS में प्रवेश लेने के आरोपित को दो दिन का पुलिस रिमांड
जाली प्रमाणपत्र से एमबीबीएस में प्रवेश लेने के आरोपित कार्तिक को दो दिन का पुलिस रिमांड मिला है। इस मामले में पुलिस ने इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला प्रशासन की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया है। वहीं, अटल चिकित्सा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय नेरचौक, मंडी (एएमआरयू) के परीक्षा नियंत्रक ने इस मुद्दे पर आइजीएमसी के प्राचार्य से भी बात की है और उन्हें कार्तिक के सभी दस्तावेजों की फिर से जांच करने और आगे की कार्रवाई के लिए कहा है।
आवेदक ने काउंसिलिंग के दौरान अपने दस्तावेजों से छेड़छाड़ की थी
एएमआरयू के एक प्रवक्ता ने वीरवार को बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से एमबीबीएस, बीडीएस मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए काउंसिलिंग का आयोजन किया था। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान शिमला के निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी के निर्देशानुसार यह काउंसिलिंग करवाई गई थी। आवेदक कार्तिक शर्मा को काउंसिलिंग के प्रथम चरण के दौरान आइजीएमसी शिमला में सीट आवंटित की गई थी। विश्वविद्यालय के संज्ञान में आया है कि इस आवेदक ने काउंसिलिंग के दौरान अपने दस्तावेजों से छेड़छाड़ की थी। प्रवेश के समय दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन संबंधित महाविद्यालय से किया जाता है।
कालेज स्तर पर दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उन्हें कालेज से एनएमसी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इस मामले में आइजीएमसी शिमला में प्रवेश प्रक्रिया की देखरेख करने वाले डीलिंग सहायक ने प्रोग्रामर एएमआरयू को सूचित किया कि उक्त उम्मीदवार का विवरण पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा सका। एएमआरयू के प्रोग्रामर ने नीट डाटा और नीट स्कोर कार्ड के क्यूआर कोड की जांच की और पाया कि शायद कार्तिक शर्मा ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ की है। इसकी सूचना आइजीएमसी के डीलिंग असिस्टेंट को दी गई थी।