ऊना। पति की मौत से टूटकर खुद को लाचार नहीं समझा। किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया और न ही अपनी खुद्दारी से समझौता किया। हालात का सामना करने के लिए खुद ड्राइविंग सीट संभाली। आज वह औरतों के लिए मिसाल है। यहां बात हो रही है वंदना राणा की। जिन्होंने अपने पति की मौत के सात महीने के अंदर खुद को परिवार की जिम्मेदारी के लिए तैयार कर लिया।
वंदना के पति राकेश राणा ऑटो चलाते थे। 18 जून 2022 को हद्यघात के कारण उनका निधन हो गया। इसके बाद परिवार में कॉलेज पढ़ने वाली दो बेटियों की जिम्मेदारी मां पर आ पड़ी। विपरीत हालात में उन्होंने खुद और परिवार को संभाला। जब परिवार में कोई कमाने वाला नहीं रहा और किसी से कोई उम्मीद नहीं दिखी तो हौंसले का परिचय देते हुए वंदना राणा ने दिवंगत पति के ऑटो पर ड्राइविंग सीट संभाल ली। वंदना ने अपने स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया।
अंब में रेल सेवा के शुरू होने के बाद से क्षेत्र में ऑटो चलने का चलन शुरू हुआ, लेकिन वर्तमान में भी क्षेत्र में अन्य कस्बों की तरह ऑटो की भरमार नहीं है। ऐसे में उत्सुकतावश एक महिला ऑटो चालक की तरफ सबकी नजर टिक जाती है। लोग उनके हौंसले को सलाम करते हैं।
वंदना राणा के मुताबिक उनके मायके हमीरपुर में हैं और लगभग 21 साल पहले उनका विवाह हुआ था। वह जमा दो कक्षा तक पढ़ी हैं और उनकी दो बेटियां हैं। पति की मौत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। ऐसे में उन्होंने एक हफ्ते में ही ऑटो चलाना सीखा। जोकि उनके पति की मौत के बाद बेकार खड़ा था। आज उन्हें ऑटो चलाते एक माह हो गया है। वह सम्मान के साथ अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं।