
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की एक सर्किट पीठ स्थापित करने की मांग करने वाली अधिवक्ताओं की संस्था की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
इस मामले में याचिकाकर्ता कांगड़ा जिला बार एसोसिएशन है और मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की थी। हालांकि शीर्ष अदालत ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी। इससे अदालती कार्यवाही में भाग लेने के लिए शिमला आने-जाने का झंझट खत्म हो जाएगा।
वकीलों ने दी दलील
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि वे उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय को धर्मशाला में एक सर्किट पीठ गठित करने का निर्देश नहीं दे सकता है। इसपर वकील ने दलील देते हुए कहा कि सभी सर्किट बेंचों की संख्या बहुत अधिक है और वे उन्हें स्थायी बनाने की मांग कर रहे हैं। वकील ने यह भी कहा कि ये सर्किट बेंच एक-दूसरे से काफी दूर हैं और इन जगहों तक पहुंचने के लिए रात भर का सफर तय करना पड़ता है।