कांगड़ा। जिला कांगड़ा के जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के आशापुरी पोलिंग बूथ से 10 नवंबर को लापता हुए चुनाव ड्यूटी को गए कर्मी संजीव कुमार का दो माह बीतने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। गुरुवार को धर्मशाला के तपोवन विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने पहुंची संजीव की पत्नी बबीता देवी, दो बेटियों, परिवार व ग्रामीणों ने संजीव के साथ पोलिंग बूथ से गायब होने मामले में उचित कार्रवाई की मांग उठाई है। साथ ही संजीव की मासूम बेटी ने सीएम से गुहार लगाई है कि आखिर उसके पापा कब वापस लौटेंगे। मासूम बेटी की कहराने वाली आवाज सुनने वाली की आंखें भी नम हुए बिना नहीं रह पाईं।
नगरोटा बगवां निवासी संजीव कुमार का लगभग दो माह से पता न चलने के चलते उनकी पत्नी व ग्रामीण सीएम से मिलने पहुंचे थे। बबीता ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है, और कहा है कि उनके पति मामले में कोई कार्रवाई न हुई तो उन्हें सडक़ पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। दो माह से लापता संजीव का कोई सुराग नहीं लग पाया है। पीडि़त परिवार ने कहा कि वह लगातार उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला, एसपी कांगड़ा सहित अन्य अधिकारियों के पास भी चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने सरकार व मुख्यमंत्री सुक्खू से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग जोर-शोर से उठाई है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में सबसे बड़े जिला कांगड़ा के जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में झकझोर देने वाली घटना सामने आई थी, आज से लगभग दो माह पूर्व 12 नवंबर को प्रदेश भर में मतदान करवाया गया था।
आशापुरी बूथ से दस नवंबर को लापता हुआ था कर्मी
मतदान प्रक्रिया को पूरा करवाने के लिए दो दिन पहले जयसिंहपुर के आशापुरी बूथ के लिए कर्मचारी चुनावी ड्यूटी को गए थे। लेकिन 10 नवंबर की रात को संदिग्ध परिस्थितियों के बाद से एक माह बीतने पर भी चुनावी ड्यूटी पर गए नगरोटा बगवां के रौंखर गांव के कर्मी संजीव कुमार का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इसमें चुनाव आयोग, जिला निवार्चन विभाग, जिला प्रशासन व पुलिस विभाग की बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है। अब पीडि़त परिवार ने सरकार व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से उचित जांच पड़ताल किए जाने की मांग उठाई है। साथ ही उचित कार्रवाई न होने पर अब भूख हड़ताल संग चक्का जाम की बात भी सरकार के समक्ष रखी है।