
देहरा. हिमाचल प्रदेश में ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) को लेकर खासी चर्चा हो रही है. भाजपा (BJP) नेताओं के लगातार बयानबाजी से चर्चाओं का बाजार गर्म है. अब ऊना से मौजूदा भाजपा विधायक और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Satti) ने ऑपरेशन लोटस को लेकर बयान दिया है.
सत्ती ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का शीतकालीन सत्र (Winter Session) शुरू हो रहा है, लेकिन वह रौनक नहीं है क्योंकि इस बार बिना कैबिनेट के यह सत्र होगा. इतिहास में यह पहली बार हो रहा है. सत्ती ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह सरकार सभी कामों को रोकने के लिए आई है. सरकार ने निचले स्तर तक ऑर्डर कर दिए हैं कि न तो कोई टैंडर होगा और न ही कोई पेमेंट होगी. ना ही कोई आगे प्रोजेक्ट्स चलेंगे. 700 से ज्यादा संस्थान डी नोटिफाई कर दिए. कानूनी दृष्टि से यह गलत है. यह संस्थान कैबिनेट ने खोले थे, क्योंकि जिन विधायकों की अभी ओथ नहीं हुई है, उन विधायकों की कमेटियां बनाकर रिपोर्ट ली जा रही है.
सियासी तौर पर ले रहे फैसले
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार राजनीतिक दृष्टि से निर्णय ले रही है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं. सत्ती ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि किसी नई नवेली सरकार का दस दिन में ही विरोध शुरू हो गया है. ऑपरेशन लोट्स पर सत्ती ने कहा कि राजनीति में कई चीजें संभव हैं. सत्ती ने कहा कि इस पर आने वाले टाइम में देखते हैं. मध्यप्रदेश में और अलग अलग जगहों पर हुआ है.
सत्ती ने कहा कि कांग्रेस सरकार की कैबिनेट न बनने का कारण यह है कि 25 लोग मंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन बनने दस हैं. परमानेंट स्पीकर व डिप्टी स्पीकर चुना जाना है, लेकिन कोई भी स्पीकर व डिप्टी स्पीकर नहीं बनना चाहता. दिल्ली से यह थोपा जाएगा कि कौन मंत्री बने. सभी मंत्री बनना चाहते हैं, ताकि डट कर क्रप्शन करें. क्योंकि सभी को लगता है कि कांग्रेस की यह अंतिम सरकार है और मंत्री बन जाएं.
लगातार हो रही बयानबाजी
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर और एक विधायक ने भी ऑपरेशन लोटस को लेकर बयान दिया. बाद में कांग्रेस पार्टी और सीएम सुक्खू ने कहा था कि भाजपा जितना मर्जी जोर लगा ले, सरकार पांच साल तक चलेगी. वहीं, देहरा में बीजेपी के निर्माणाधीन कार्यालय का निरीक्षण करने आए सतपाल सत्ती के साथ स्थानीय नेता रमेश धवाला, जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा, मंडल अध्यक्ष निर्मल सिंह भी मौजूद रहे.