तपोवन विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू की ओर से प्रदेश में डिनोटिफाई किए गए सरकारी कार्यालयों के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
कर्मचारी चयन आयोग को रद्द करने के निर्णय पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जेओए पेपर लीक मामले में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन आयोग को रद्द करने का हक किसी को नहीं है। इससे हजारों बेरोजगार युवकों का भविष्य प्रभावित होगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि भाजपा राज में स्वीकृत पदों की प्रक्रिया को जारी रखा जाए।
जयराम ने कहा कि सरकार डिनोटिफाई किए गए कार्यालयों का स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही है। पहले कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया गया, फिर इनकी समीक्षा की गई। सरकार ने बदले की भावना से एक वित्तीय वर्ष के भाजपा कार्यकाल में लिए गए निर्णयों को बंद कर भाजपा के पांच साल के कार्यकाल को चार साल में बदल दिया। भाजपा राज में खोले गए कार्यालयों को बंद करने के निर्णय को उचित ठहराने में अब सीएम योग्य नहीं हैं।
आईपीएस की मौत के बाद भी सरकार का जश्न रहा जारी
जयराम ने बीते दिन मुख्यमंत्री जन आभार रैली के दौरान आईपीएस अधिकारी की मौत पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जन आभार रैली के दौरान एक आईपीएस अधिकारी की मौत हो गई, लेकिन नवनियुक्त सरकार जश्न में डूबी रही। यह बात सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाती है।
सरकार ने सदन को बनाया जनसभा
जयराम ने बताया कि सरकार ने विधानसभा को जनसभा बनाकर विधानसभा की गरिमा का तमाशा बना दिया। सदन के दौरान दर्शकदीर्घा में आकर लोग तालियां बजा रहे थे। इन्हें विपक्ष और अधिकारी भी नहीं जानते थे।