शिमला: प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पदभार संभालने पर ऐसे सभी तबादला आदेशों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे, जो पूर्व सरकार के आखिरी समय में किए गए थे, लेकिन अफसरों ने हाल ही में रिटायरमेंट के बाद शिक्षा विभाग में खाली हुए पदों पर ट्रांसफर, एडजस्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
सीएम ने दिए थे जांच के आदेश: हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने इस मामले को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने उठाया था. इस पर सीएम ने जांच के आदेश शिक्षा विभाग को दिए. शिक्षा विभाग ने अब आनन -फानन में इस तरह की तबादला प्रक्रिया पर रोक लगाने के फरमान जारी किया है .शिक्षा विभाग ने 12 दिसंबर से पहले डीओ नोट के आधार पर किए तबादला आदेश लागू करने पर रोक लगा दी है. डीओ नोट पर तबादले व म्यूचुअल ट्रांसफर दोनों तरह के आदेश अब लागू नहीं किए जाएंगे. निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डॉ.अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है.
जयराम सरकार में हुए थे तबादले: दरअसल पूर्व जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल में सैकड़ों शिक्षकों ने डीओ नोट व म्यूचुअल आधार पर तबादले करवाए थे. शिक्षा विभाग ने तबादला आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन स्कूल में पदों के खाली न होने के चलते उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई थी, न ही उनकी रिलीविंग की जा रही थी, लेकिन 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद उसी दिन स्कूलों में शिक्षकों की ज्वाइनिंग व रिलिविंग के आदेश जारी कर दिए गए.
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ मिला था सीएम से: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पूर्व सरकार के आखिरी समय में लिए फैसलों पर रोक लगाई थी. इनमे तबादला आदेश भी शामिल थे. हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिला था. संघ ने मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की शिकायत की थी. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर विभाग को निर्देश दिए थे कि इस मामले की जांच करें. इसके बाद विभाग ने सारी प्रक्रिया फिलहाल रोक दी है.
कार्रवाई की मांग भी: संघ का आरोप था कि विभाग ने शिक्षकों की रिलीविंग व ज्वाइनिंग करवाकर सरकार के आदेशों की अवहेलना की है. पूर्व सरकार ने जब सभी फैसलों की समीक्षा के आदेश दिए थे तो फिर निदेशालय क्यों डीओ नोट पर तबादले कर रहा है. फिलहाल शिक्षा विभाग ने इस सारी प्रक्रिया रोक दी है, लेकिन जिन अफसरों ने सरकार के इन आदेशों की अवहेलना की उन पर कारवाई की मांग भी की गई है.