हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा प्रदेश में लगभग 900 संस्थान डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा में विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर जोरदार हमले बोले। विपक्ष ने बीते रोज सदन में सरकार की ओर से राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा दिए गए अभिभाषण को रोड मैप रहित और दिशाहीन करार दिया और कहा कि इसमें कोई विजन नहीं हैै। वहीं, दूसरी ओर सत्तापक्ष ने सरकार के फैसलों का बचाव किया और कहा कि भाजपा छह माह तक संयम रखे तथा सरकार की कार्यशैली को देखे।
राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस विधायक संजय रतन ने भाजपा को रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने और सकारात्मक सुझाव देने की सलाह दी, ताकि सरकार उन पर अमल कर सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हर वह कार्य करेगी, जो प्रदेशहित में होगा। उन्होंने सरकार द्वारा लगभग 900 संस्थानों को डिनोटिफाई करने के फैसले का बचाव किया और कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में कई ऐसे संस्थान खोल दिए, जिनका फायदा होने के बजाय लोगों को नुकसान हुआ।
संजय रतन ने कहा कि सरकार ने ऐसे संस्थान खोलने के लिए जनता के पैसे का दुरूपयोग किया। इसके बावजूद भाजपा चुनाव हार गई। उन्होंने पूछा कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी की आखिरी साल में सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में संस्थान खोल दिए। उन्होंने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के कार्य को निलंबित करने के फैसले को भी सही करार दिया और कहा कि यह संस्थान भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का अड्डा बन गया था।
संजय रतन ने आपातकाल के दौरान जेलों में बंद लोगों को पूर्व सरकार द्वारा सम्मान राशि के रूप में दी जा रही पेंशन को तुरंत बंद करने की मुख्यमंत्री से अपील की। उन्होंने पूर्व सरकार पर कांगड़ा के साथ भेदभाव करने और प्रदेश में क्षेत्रवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया और कहा कि पूर्व सरकार ने महंगाई नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए और न ही कर्मचारियों के हितों की रक्षा की। उन्होंने पूर्व सरकार पर बेरोजगारों के साथ मजाक करने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस के चंद्रशेखर ने धन्यवाद प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए सरकार से प्रदेश में सभी मनरेगा जॉबकार्ड होल्डर को 120 दिन का रोजगार देने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार पर मनरेगा को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने जल जीवन मिशन और बागवानी मिशन में पूर्व भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि इन दोनों मिशन के तहत हुए कार्यों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कोरोना काल में जलशक्ति विभाग में गाड़ियों की मूवमेंट की भी जांच की मांग की।
भाजपा सदस्य विपिन सिंह परमार ने प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने के फैसले का कड़ा विरोध किया और सरकार से अपने इस फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने ये संस्थान खोलकर लोगों को सुविधा प्रदान की, लेकिन मौजूदा कांग्रेस सरकार इसे चाबुक मारकर वापस लेने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर सदन में भी उठाएगी और सड़क पर भी। उन्होंने सरकार द्वारा सुंदरनगर के डैहर में 1952 में खुली 70 साल पुरानी पुलिस चौकी को बंद करने पर भी हैरानी जताई और अधिकारियों को सरकार को सही सूचनाएं देने की सलाह दी।
परमार ने कहा कि कांग्रेस ने अपने प्रतिज्ञा पत्र में सरकार बनने पर 10 दिनों के भीतर ओपीएस लागू करने, एक लाख रोजगार का प्रावधान करने और प्रदेश की 18 साल से 60 वर्ष तक की महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने का वादा किया था। उन्होंने पूछा कि अब इन वादों का क्या हुआ, क्योंकि सरकार को बने एक महीने का समय होने जा रहा है। परमार ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में कोई रोड मैप अथवा विजन नहीं है और कहा कि राज्यपाल ने मजबूरी में इस अभिभाषण को पढ़ा और निराश नजर आए।
कांग्रेस सदस्य विक्रमादित्य सिंह ने विपक्ष को अपने राजनीतिक चश्मे को हटाकर सुक्खू सरकार द्वारा प्रदेश हित में लिए जा रहे निर्णयों की सराहना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण उन्हीं अफसरों ने तैयार किया है, जो पूर्व भाजपा सरकार में अहम पदों पर तैनात थे। इसलिए भाजपा को अधिकारियों की बुद्धिमता पर संदेह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज में से 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज केवल पूर्व जयराम ठाकुर सरकार ने ही लिया है। ऐसे में भाजपा को सुक्खू सरकार से सवाल करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को नकार दिया है। इसलिए अगले छह माह तक भाजपा विधायक विधानसभा में मौन व्रत रखकर आएं और हमारी कार्यशैली देखें। उन्होंने पूछा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए पुलिस भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच आज तक क्यों नहीं हुई और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का क्या हुआ।
कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व सरकार ने संवैधानिक रूप से चुने गए लोगों को नजरअंदाज करके ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया जिनका संविधान में कोई अधिकार नहीं था। ऐसे हारे नकारे लोगों को जयराम सरकार ने बढ़ावा दिया, जिसका खामियाजा यह हुआ कि आज भाजपा को जनता ने विपक्ष बैठा दिया है। उन्होंने पूर्व सरकार पर जनजातीय क्षेत्र के विधायकों के साथ अन्याय का आरोप लगाया और यह भी कहा कि पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सत्ता के नशे में चूर थे।