Mumbai News: करेंट इंफ्राप्रोजेक्ट्स का आईपीओ 26 अगस्त से खुलने जा रहा है। इससे पहले ही ग्रे मार्केट में इसके शेयरों की मांग तेजी से बढ़ी है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) 40 रुपये पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि लिस्टिंग के दिन शेयरों के 50 प्रतिशत तक चढ़ने की संभावना है। निवेशकों के लिए यह आईपीओ एक बड़ा अवसर हो सकता है।
आईपीओ की महत्वपूर्ण जानकारी
करेंट इंफ्राप्रोजेक्ट्स का आईपीओ 26 अगस्त से शुरू होकर 29 अगस्त तक चलेगा। कंपनी 41.80 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। यह पूरी तरह से एक नया इश्यू है। निवेशकों के लिए 38.86 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर किए जाएंगे। प्रति शेयर कीमत 76 से 80 रुपये के बीच रखी गई है। एक लॉट में 1600 शेयर होंगे और न्यूनतम निवेश 1,28,000 रुपये है।
लिस्टिंग और अलॉटमेंट की तारीख
शेयरों का आवंटन एक सितंबर को होने की उम्मीद है। शेयरों की सूची तीन सितंबर को बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर होगी। लिस्टिंग की तारीख से पहले ही ग्रे मार्केट में सक्रियता देखी जा रही है। इससे निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल है।
ग्रे मार्केट में जबरदस्त उछाल
इश्यू से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम में लगातार वृद्धि हो रही है। जीएमपी 19 अगस्त को 15 रुपये से शुरू हुआ था। अगले ही दिन यह 27 रुपये पर पहुंच गया। फिर यह 35 रुपये और अब 40 रुपये के स्तर पर है। इस हिसाब से लिस्टिंग 120 रुपये पर हो सकती है। प्रति लॉट 64,000 रुपये के मुनाफे की संभावना है।
कंपनी का व्यवसाय और उपलब्धियां
करेंट इंफ्राप्रोजेक्ट्स की स्थापना 2013 में हुई थी। कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काम करती है। इसके मुख्य कार्यों में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शामिल हैं। कंपनी टर्नकी आधार पर EPC प्रोजेक्ट्स पूरा करती है। इसमें सोलर और वाटर प्रोजेक्ट्स प्रमुख हैं।
कंपनी ने 31 जुलाई 2025 तक 23,209.06 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। इसकी मौजूदगी देश के 12 राज्यों में है। कंपनी के पास 108 स्थायी कर्मचारी हैं। इसकी ताकत में NABL मान्यता प्राप्त लैब और मजबूत ऑर्डर बुक शामिल है। रिपीट ग्राहक कंपनी की विश्वसनीयता दर्शाते हैं।
निवेशकों के लिए अवसर
जीएमपी में आई तेजी से स्पष्ट है कि बाजार इस इश्यू को लेकर आशावादी है। एसएमई सेगमेंट में आने वाले इश्यू अक्सर अच्छा रिटर्न देते हैं। हालांकि निवेश करने से पहले कंपनी के वित्तीय आंकड़ों और जोखिमों को समझना जरूरी है। निवेशकों को अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।
