गाजियाबाद के मुरादनगर हादसे में बड़ी गिरफ्तारी हुई है। हादसे में गिरे शवदाह गृह का निर्माण करने वाला ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा था। वो हादसे के बाद से फरार चल रहा था। बता दें कि रविवार को मुरादनगर में एक शवदाह गृह की छत ढह गई थी, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल थे। मलबे से 38 लोगों को बाहर निकाला गया था।
पुलिस ने इस मामले में तीन नगर निकाय अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने बताया था कि मुरादनगर नगर पालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्र पाल और सुपरवाइजर आशीष को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया। जबकि बिल्डर फरार चल रहा था। उसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है और इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हुआ है। घटना कैसे हुई, इस पर पुलिस का कहना है कि बारिश से बचने के लिए कई लोग इमारत के नीचे खड़े थे जिसे हाल ही में बनाया गया था, तभी यह छत ढह गई और सारे लोग मलबे में दब गए। जानकारी है कि श्मशान घाट में जिस गलियारे की छत ढही है, उसका निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ था। इस गलियारे को बनाने में करीब 55 करोड़ रुपए की लागत आई थी और इसे 15 दिन पहले ही आम लोगों के लिए खोला गया था
सीएम योगी ने श्मशान घाट की घटना के लिए जिम्मेदार इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ एनएसए लगाने का आदेश दिया है। साथ ही पूरे नुकसान की वसूली दोषी इंजीनियर और ठेकेदार से करने के भी दिए निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में भी डाल दिया गया है। सीएम ने डीएम और कमिश्नर को नोटिस जारी करके पूछा कि जब सितंबर में ही 50 लाख से ऊपर के निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया तो चूक क्यों हुई। इसके साथ ही मृतक परिवारों को दस-दस लाख की आर्थिक सहायता और इनमें आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा मुहैया करने के भी निर्देश दिए गए हैं।