RIGHT NEWS INDIA: Chandigarh यूनिवर्सिटी में छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में खरड़ पुलिस ने बुधवार को अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसमें आरोपी छात्रा और फौजी संजीव कुमार को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस ने शिमला निवासी सन्नी मेहता और रंकज वर्मा को क्लीन चिट दे दी है। फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी छात्रा ने अपने अलावा किसी अन्य लड़की का कोई वीडियो नहीं बनाया था।
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने आरोप पत्र में फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि आरोपी छात्रा और आरोपी फौजी संजीव कुमार की लगातार व्हाट्सएप चैट के जरिए बातचीत होती थी। इसमें संजीव कुमार की ओर से आपत्तिजनक फोटो और वीडियो की मांग की गई थी। आरोपी छात्रा फौजी के व्हाट्सएप पर लगे डीपी फोटो से आकर्षित हो गई थी।
इस कारण उसने अपने खुद के फोटो और वीडियो फौजी संजीव कुमार को भेजे थे लेकिन इसके बाद फौजी संजीव कुमार लगातार उसे ब्लैकमेल कर और फोटो और वीडियो भेजने की मांग करता रहा। इसके लिए आरोपी छात्रा ने एलसी हॉस्टल की सातवीं फ्लोर पर बाथरूम नंबर-2 में किसी अज्ञात लड़की का वीडियो बनाने की कोशिश की थी लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई थी।
उसने फौजी संजीव कुमार को कुछ दूसरी लड़कियों के सामान्य वीडियो और फोटो भेजे थे। फौजी संजीव कुमार पर भी आरोप तय किए गए हैं। वह जिस मोबाइल नंबर से आरोपी छात्रा से व्हाट्सएप चैट करता था वह नंबर मुकेरियां जिला होशियारपुर के किसी व्यक्ति के नाम पर उसने एक निजी कंपनी से लिया था। इसे वह अपने फोन के दोनों स्लॉट में बदल-बदल कर इस्तेमाल करता था।
पंकज बोला- पूरा भरोसा था कि मेरा भाई बेकसूर है
रंकज वर्मा के भाई पंकज वर्मा ने बताया कि उन्हें पूरा भरोसा था कि उनका भाई बेकसूर है। पहले दिन से ही वह मामले में जांच की बात कह रहे थे। हिमाचल पुलिस ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। इस मामले में उन्होंने सोशल मीडिया पर रंकज की फोटो का गलत इस्तेमाल होने की शिकायत दी थी। हिमाचल पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल किए बिना ही गुमराह करके उसको पंजाब पुलिस के साथ भेज दिया था। वह हिमाचल पुलिस और पंजाब पुलिस के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे।
यह था मामला
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 17 सितंबर को कुछ छात्राओं की नहाते हुए वीडियो वायरल होने की खबर फैलने के बाद आधी रात से विद्यार्थियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। मामला हॉस्टल की छात्राओं से जुड़ा होने के कारण बाद में महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी भी मौके पर पहुंचीं थीं। छात्राओं के प्रदर्शन को देखते हुए प्रबंधन ने सीयू को छह दिन के लिए बंद करके पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। मामले को तूल पकड़ता देख प्रदेश के डीजीपी ने भी तीन महिला उच्च पुलिस अधिकारियों की एक जांच कमेटी बनाई थी।