Himachal News: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को हिमाचल और पंजाब में एक साथ छापे मारे। यह कार्रवाई 2,000 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में हुई है। ईडी ने मंडी और कांगड़ा जिले में संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी। जांच टीम ने निवेश से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए हैं। हजारों लोगों ने अच्छे मुनाफे के लालच में इसमें पैसा लगाया था।
सुबह 6 बजे शुरू हुई छापेमारी
ईडी की टीम ने सुबह 6 बजे ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। मंडी जिले के चांबी और लोहारा गांव में रेड पड़ी। यहां एक बड़े कारोबारी और बिजली बोर्ड के रिटायर अधिकारी के घर जांच हुई। टीम ने कंप्यूटर, मोबाइल और डिजिटल डिवाइस खंगाले। क्रिप्टो करेंसी से जुड़े बैंक खातों की भी जांच की गई। सुंदरनगर क्षेत्र से ही करीब 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। ईडी ने संदिग्ध लेन-देन के रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिए हैं।
फार्मासिस्ट और प्रॉपर्टी डीलर पर शिकंजा
कांगड़ा के नगरोटा बगवां में भी ईडी ने सख्त कार्रवाई की। यहां दो घरों पर छापे मारे गए। इनमें एक व्यक्ति फार्मासिस्ट और दूसरा प्रॉपर्टी डीलर है। आरोप है कि इन्होंने लोगों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए उकसाया। यह पूरी कार्रवाई सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच हुई। ईडी के अधिकारियों ने नाचन और बल्ह के दो लोगों से पूछताछ भी की। अब जब्त दस्तावेजों के आधार पर आगे की जांच होगी।
मुख्य आरोपी विदेश भागा
इस पूरे घोटाले का मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा है। वह मंडी का रहने वाला है और अभी विदेश में है। जिला अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। सुभाष पर प्रदेश के 80 हजार लोगों को ठगने का आरोप है। उसने क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये जमा कराए थे। ईडी इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। ठगी के शिकार लोग अपनी जमा पूंजी वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं।
