Crypto Currency Fruad Himachal: क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड मामले में कई सरकारी कर्मचारी भी एजेंट बने. इन्हें ठगों से कमीशन दिया जाता था. अगर लोग एक लाख रुपये निवेश करते थे तो उन्हें पांच से सात फीसदी कमीशन दिया जाता था. हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी और मामलों के खुलासे के बाद ये कर्मचारी एजेंट सदमे में हैं.
पुलिस के डर से इन कर्मचारियों ने अपना जीपीएफ निकाल लिया और लोगों को करीब दो करोड़ रुपये लौटा दिये.
यह मामला जिला कांगड़ा का है। इन कर्मचारियों की संख्या तीन से पांच बताई जा रही है. इसकी जानकारी पुलिस एसआईटी को मिली है. अब इन कर्मचारियों से भी पूछताछ होनी है. गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी जालसाजों का नेटवर्क हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है। इन आरोपियों ने दूसरे राज्यों में भी अपने एजेंट बना रखे हैं. ये एजेंट लोगों से पैसे इकट्ठा करने का काम करते हैं.
हिमाचल पुलिस की एसआईटी सीबीआई के संपर्क में है
हिमाचल में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले को लेकर अन्य राज्यों ने भी जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और सीबीआई भी इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. हाल ही में हुई सीबीआई छापेमारी के बाद एजेंसी के अधिकारी हिमाचल पुलिस एसआईटी के संपर्क में हैं।
गिरफ्तार 9 आरोपियों पर 400 करोड़ रुपये की देनदारी है
क्रिप्टोकरेंसी मामले में अब तक एक लाख लोगों की 2.5 लाख आईडी से लेनदेन की जानकारी सामने आ चुकी है. 2300 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर धोखाधड़ी का मामला उठने के बाद सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
एसआईटी के मुखिया उत्तरी रेंज के DIG अभिषेक दुल्लर हैं, जिनके पास कई बड़ी जांच एजेंसियों में काम करने का अनुभव है. एसआईटी ने अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस जांच में पता चला है कि इन आरोपियों पर 400 करोड़ रुपये की देनदारी है. अब तक 500 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है.
क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड मामले में अब तक 500 लोगों से पूछताछ हो चुकी है. इस मामले में पुलिस एसआईटी को 170 शिकायतें मिली हैं. पुलिस मुख्यालय ने इस धोखाधड़ी मामले में व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है.