Mandi News: हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 2500 करोड़ रुपये के विशाल फर्जीवाड़े के मामले में जब्ती की कार्रवाई शुरू हो गई है। मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा की हरोली स्थित 63 कनाल जमीन को कुर्क करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसकी निगरानी के लिए दस अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है।
संपत्ति जब्त करने के आदेश
कांगड़ा मंडलायुक्त विनोद कुमार ने यह आदेश पालमपुर पुलिस थाने में दर्ज पहली एफआईआर के आधार पर दिए हैं। उन्होंने सुभाष शर्मा को उनके स्थायी पते पर इस फैसले की सूचना देने के लिए एक पत्र भी भेजा है। यह पहला मौका है जब निवेशकों का पैसा वापस दिलाने के लिए आरोपी की संपत्तियों की नीलामी का रास्ता अपनाया जा रहा है।
अधिकारियों की जिम्मेदारी
आदेश के अनुसार, डीसी ऊना, कांगड़ा के सेटलमेंट अधिकारी, एसपी कांगड़ा और ऊना सहित एसडीएम हरोली को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। पालमपुर के डीएसपी, तहसीलदार हरोली, और एसएचओ पालमपुर को भी इस कार्रवाई में सहयोग करने को कहा गया है। यह टीम संपत्ति को कुर्क करने का काम पूरा करेगी।
चंडीगढ़ और हरियाणा में भी संपत्ति
सुभाष शर्मा ने धोखाधड़ी से प्राप्त पैसों से चंडीगढ़ और हरियाणा में भी करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी थी। इन संपत्तियों को भी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पुलिस का मानना है कि इससे निवेशकों को उनका नुकसान हुआ पैसा वापस दिलाने में मदद मिलेगी।
मंडी के सबसे ज्यादा निवेशक प्रभावित
इस क्रिप्टो करेंसी घोटाले में मंडी जिले के सबसे अधिक लोग फंसे हुए हैं। इसके अलावा हमीरपुर, सोलन, कांगड़ा और बिलासपुर के लोगों ने भी इसमें निवेश किया था। आरोप है कि लोगों को उनके पैसे दोगुना करके लौटाने का झांसा देकर इस योजना में शामिल किया गया था।
कुछ निवेशकों को पैसा वापस मिला
इस फ्रॉड में लगभग 80 हजार लोगों के पैसे डूब गए थे। हालांकि, छह निवेशकों को उनका 11 लाख 36 हजार रुपये वापस मिल गया है। इनमें देहरा, हरिपुर, बैजनाथ और हमीरपुर के निवासी शामिल हैं। शुरुआत में कुछ लोगों को पैसा वापस मिलने से दूसरे लोग भी आकर्षित हुए थे।
