Himachal News: मंडी जिले की नगर परिषद नरचौक के भंगरोटू वार्ड में गौसेवा के नाम पर बड़ी क्रूरता सामने आई है। एक बिना पंजीकरण वाले गौसदन में भूख-प्यास से मरी गायों के शव और कंकाल मिले हैं। एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के नेतृत्व में शुक्रवार को प्रशासनिक टीम ने दबिश दी।
करीब पच्चीस वर्ष से पशु व्यापार करने वाले केहर सिंह ने बिना अनुमति कई गायें एक तंग पंडाल में रखी थीं। न तो चारे की कोई व्यवस्था थी और न ही पानी की। भूख-प्यास से मरने वाली गायों को खड्ड के किनारे या नाले में फेंक दिया जाता था।
स्थानीय लोगों ने डर से नहीं की थी शिकायत
स्थानीय लोग काफी समय से इस पीड़ा को झेल रहे थे। आरोपित की राजनीतिक पहुंच के कारण डर से किसी ने मुंह नहीं खोला। लोगों ने पार्षद से भी शिकायत की थी लेकिन उन्होंने बात अनसुनी कर दी। गौसेवक आयुष शर्मा ने हिम्मत दिखाई और प्रशासन को सूचना दी।
एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के नेतृत्व में नगर परिषद, पुलिस और पशुपालन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जो दृश्य उन्होंने देखा उसने सभी को हिला कर रख दिया। जमीन के नीचे से पशुओं के कंकाल और सड़े हुए शव मिले।
बीमार गायों का किया गया उपचार
पास ही पंद्रह से अधिक बीमार गायें मिलीं जिनकी हालत नाजुक थी। पशु चिकित्सकों की टीम ने तुरंत इन गायों का उपचार शुरू किया। स्थानीय महिला कमला देवी ने बताया कि रात में इतनी बदबू आती थी कि बच्चे रोते थे। लोग खिड़कियां तक नहीं खोल पाते थे।
नगर परिषद ने बिना अनुमति गौसदन चलाने पर आरोपित का दस हजार रुपये का चालान किया है। पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत जांच शुरू कर दी है। गौ तस्करी की आशंका भी जताई जा रही है। एसडीएम ने आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गौशाला को किया गया सील
कथित गौसदन को तुरंत बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने सभी बची हुई गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रबंध किया है। इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय रही। आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है।
यह घटना गौसेवा के नाम पर चल रहे अवैध कारोबार की पोल खोलती है। प्रशासन ने ऐसे सभी अवैध गौशालाओं की जांच का फैसला किया है। जिले भर में छापेमारी अभियान चलाया जाएगा। पशु कल्याण के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे।
