
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद समेत सभी आठ आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद अब विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चयन आयोग में डेरा डाल लिया है।
करीब पांच दिन की जांच का सामना करने के बाद पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर गुरुवार को एसआईटी के सामने पेश हुए। एसआईटी ने आयोग में पूर्व सचिव से लंबी पूछताछ की। एसआईटी ने माना कि पेपर लीक मामले में पूर्व सचिव की लापरवाही गंभीर है। परीक्षाओं के आयोजन में आयोग सचिव ही सर्वोपरि होता है। इसलिए पेपर लीक मामले में पूर्व सचिव की लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता। एसआईटी ने आयोग की विभिन्न शाखाओं के सेक्शन प्रभारियों से भी एक-एक कर पूछताछ कर बयान कलमबद्ध किए।
सभी आरोपियों के न्यायिक हिरासत में जाने के बाद विजिलेंस भी पूर्व सचिव के खिलाफ सबूत जुटाने में जुट गई है। आयोग के सचिव के चालक की अंतरिम जमानत अवधि शुक्रवार को खत्म हो रही है। विजिलेंस की एक टीम हाईकोर्ट के लिए देर शाम रवाना हो गई है। जहां वह चालक की जमानत रद्द करवाने और उससे पूछताछ की अनुमति लेने वाली है। अगर चालक की जमानत रद्द होती है तो उसे हिरासत में लेकर पूछताछ हो सकती है। उधर, विजिलेंस और एसआईटी ने पेपर लीक मामले में आयोग के संदिग्ध कर्मचारियों पर भी पैनी नजर रखी है। उधर, आईएएस अधिकारी अभिषेक जैन की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय हाईपावर कमेटी ने भी लगातार तीसरे दिन इस मामले में अपनी रिपोर्ट तैयार की।