हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में जूनियर आफिस असिस्टेंट (जेओए-आइटी) पेपर लीक मामले में आरोपित तनु शर्मा को हमीरपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। हमीरपुर जिला के बोहणी की रहने वाली तनु पर आरोप है कि उसने पैसे देकर पेपर खरीदा था। आयोग में पेपर लीक मामले में हमीरपुर न्यायालय की ओर से पहली स्थायी जमानत तनु को दी गई है। तनु शर्मा के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने मामले में जमानत की पुष्टि की है।
अन्य आरोपितों ने कोर्ट में लगे जमानत की अर्जी
इस मामले में एक अन्य आरोपित ने भी जमानत के लिए हमीरपुर कोर्ट में अर्जी लगाई है जिस पर सुनवाई सात जनवरी को होगी। पेपर मामले में आठ आरोपित 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं और अब एक को जमानत मिली है। इनके अलावा पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर का चालक भी हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर है। शुक्रवार को विजिलेंस की टीम ने पूर्व सचिव कंवर सहित उनके चपरासी से फिर पूछताछ की है। विजिलेंस थाना हमीरपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेणु शर्मा ने बताया विजिलेंस टीम व एसआइटी मामले की गहन जांच में जुटी हुई है। उधर, हाईकोर्ट ने जमानत के लिए याचिका लगाने वाले पूर्व सचिव कंवर के चालक के मामले में विजिलेंस को पर्याप्त सबूत न होने पर चालक की गिरफ्तारी से पहले सात दिन का नोटिस देने के निर्देश दिए हैं।
मामले की जांच कर रिपोर्ट शीघ्र सरकार को सौंपेंगे
जैन पेपर लीक मामले की जांच हर स्तर पर की जा रही है। आयोग में कई महत्पूर्ण पहलुओं पर रिपोर्ट तैयार की गई है। हर स्तर पर जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। यह बात सरकार की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के चेयरमैन एवं शिक्षा विभाग के सचिव अभिषेक जैन ने कही है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर कर्मचारी आयोग में पेपर लीक मामले में जांच चल रही हैं और हर स्तर टीमें अपना काम रही हैं। बता दें कि आयोग में पेपर लीक मामले के बाद विजिलेंस व एसआइटी के पास 20 विभिन्न भर्ती संबंधित शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। अभिषेक जैन व उनकी टीम आयोग की गतिविधियों में क्या सुधार किया जा सकता है, इसको लेकर जांच में जुटे हैं।