रविवार, दिसम्बर 21, 2025

Crime News: को-ऑपरेटिव सोसायटी ने हड़पे करोड़ों रुपये, जांच से भाग रहे निदेशक; जानें पूरा मामला

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Himachal News: द मांडव थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में करोड़ों रुपये के गबन का मामला सामने आया है। यह Crime News निवेशकों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। सोसायटी ने आरडी और बचत योजनाओं के नाम पर करीब 202 निवेशकों से करोड़ों रुपये जमा करवाए। अब भुगतान का समय आया तो बोर्ड के सदस्य जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिला अंकेक्षण अधिकारी ने बोर्ड के सदस्यों को नोटिस जारी किया है।

जांच में सहयोग नहीं कर रहे सदस्य

विभाग ने सोसायटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को नोटिस भेजा है। हैरानी की बात है कि नोटिस मिलने के बाद भी कोई सदस्य सामने नहीं आया है। अधिकारी इस Crime News की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। सोसायटी का ऑडिट अंतिम चरण में है। अगले सप्ताह तक स्थिति साफ हो जाएगी। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही असली घोटाले का पर्दाफाश होगा।

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मार्च 2024 के बाद शुरू हुआ ‘खेल’

सोसायटी में वित्तीय गड़बड़ियों का सिलसिला मार्च 2024 के बाद तेज हुआ। निवेशकों को भरोसा दिया गया था कि उनका पैसा सुरक्षित है। अब परिपक्वता (Maturity) पूरी होने पर भी उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है। निवेशक अपनी जमा पूंजी के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें केवल अगली तारीख दी जा रही है। साढ़े पांच करोड़ रुपये में से कितने की हेराफेरी हुई, इसका पता जल्द चलेगा।

बिना रसीद अध्यक्ष को दी नकदी

शाखा प्रबंधकों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जांच में सामने आया है कि प्रबंधकों ने बिना किसी रसीद के नकद राशि अध्यक्ष को सौंप दी। यह काम किसी दबाव में किया गया या मिलीभगत से, इसकी जांच हो रही है। सचिव समेत पांच सदस्यों को सोसायटी के कार्यों की जानकारी ही नहीं है। यही वजह है कि पिछले 10 महीनों से कोई बैठक नहीं हुई।

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ऑडिट रिपोर्ट के बाद होगी एफआईआर

जिला अंकेक्षण अधिकारी ओम चंद वर्मा ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि सदस्यों को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था। अभी तक किसी ने सहयोग नहीं किया है। ऑडिट रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलते ही पुलिस कार्रवाई करेगी। पुलिस विभाग भी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। इसके बाद आरोपियों पर एफआईआर दर्ज होगी और कानूनी शिकंजा कसेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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