New Delhi News: नए साल में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और बैंकिंग के नियम बदलने वाले हैं। बैंक अब अपनी मुफ्त सेवाओं को सीमित कर रहे हैं। आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक और एयरटेल पेमेंट बैंक ने ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। अब एटीएम से पैसे निकालने से लेकर ऑनलाइन गेमिंग तक हर जगह आपको ज्यादा शुल्क देना होगा। आने वाले महीनों में इन बैंकों के नए सर्विस चार्ज लागू हो जाएंगे।
आईसीआईसीआई बैंक ने बढ़ाए चार्ज
प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी चार्ज लिस्ट में बड़ा बदलाव किया है। यह नए नियम 15 जनवरी 2026 से लागू होंगे। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल गेमिंग ऐप्स पर करते हैं, तो आपको 2% शुल्क देना होगा। इसके अलावा पेटीएम जैसे वॉलेट में 5,000 रुपये से ज्यादा डालने पर 1% का अतिरिक्त चार्ज लगेगा। बैंक ने ब्रांच में नकद बिल जमा करने की फीस भी 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दी है।
मूवी टिकट और रिवॉर्ड पर सख्ती
बैंक ने मनोरंजन के नियमों को भी सख्त कर दिया है। यह बदलाव 1 फरवरी 2026 से प्रभावी होंगे। बुकमाईशो (BookMyShow) पर मिलने वाला मुफ्त मूवी टिकट अब सबको नहीं मिलेगा। इसका लाभ केवल वही ग्राहक उठा पाएंगे, जिन्होंने पिछली तिमाही में क्रेडिट कार्ड से कम से कम 25,000 रुपये खर्च किए हों। प्रीमियम कार्ड्स पर रिवॉर्ड प्वाइंट्स के लिए भी हर महीने 20,000 रुपये की शॉपिंग अनिवार्य कर दी गई है।
एयरटेल वॉलेट रखना हुआ महंगा
डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल भी अब पूरी तरह मुफ्त नहीं रहा है। एयरटेल पेमेंट बैंक ने 1 जनवरी से वॉलेट यूजर्स पर सालाना चार्ज लगाने का फैसला किया है। ग्राहकों को अब 75 रुपये और जीएसटी बतौर ‘एनुअल मेंटेनेंस चार्ज’ देना होगा। अगर किसी यूजर के वॉलेट में पैसा नहीं है, तो बैंक बैलेंस आते ही यह राशि काट लेगा। यह कदम डिजिटल पेमेंट बाजार में बदलते ट्रेंड को दर्शाता है।
मुफ्त सेवाओं का दौर हो रहा खत्म
भारत में डिजिटल वॉलेट का सफर 2004 में शुरू हुआ था। शुरुआत में ये सेवाएं बिल्कुल मुफ्त थीं, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। मोबिक्विक ने 2021 में इनएक्टिव वॉलेट पर चार्ज लगाना शुरू किया था। अब कई कंपनियां पैसे लोड करने पर 1.5% तक सर्विस चार्ज ले रही हैं। इससे साफ है कि क्रेडिट कार्ड और डिजिटल ट्रांजैक्शन की लागत अब उपभोक्ताओं को ही उठानी पड़ेगी।
ग्रामीण बैंकों को मिली नई पहचान
केंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंकिंग को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। देश के सभी 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की अब एक ही पहचान होगी। वित्त मंत्रालय और नाबार्ड ने इनके लिए एक नया ‘एकीकृत लोगो’ जारी किया है। इस लोगो में एक ऊपर उठती हुई लौ दिखाई गई है। यह ग्रामीण विकास और ग्राहकों के भरोसे का प्रतीक है।