New Delhi News: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हिल स्टेशनों पर गंदगी रोकने के लिए नया प्रस्ताव दिया है। इसके तहत पर्यटकों से शहर में प्रवेश करते समय ही कूड़ा प्रबंधन शुल्क वसूला जा सकता है। सीपीसीबी ने एनजीटी में पेश अपनी रिपोर्ट में स्थानीय निकायों और पंचायतों को यह सुझाव दिया है।
यह रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश के कसोल हिल स्टेशन के वायरल वीडियो के बाद पेश की गई। इसमें दिखाया गया था कि कैसे पहाड़ी स्टेशन कूड़ेदान में बदल रहे हैं। सीपीसीबी ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी स्थानीय निकायों की है।
स्थानीय निकायों को उपनियम बनाकर पर्यटकों को कचरा फैलाने से रोकना होगा। पर्यटकों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे सड़कों, पार्कों या पहाड़ियों पर कचरा न फेंकें। उन्हें कूड़ेदानों का उपयोग करना होगा।
प्रवेश द्वार पर ही पर्यटकों को कचरा प्रबंधन के नियमों की जानकारी दी जाएगी। होटलों और गेस्ट हाउसों के माध्यम से भी यह जानकारी साझा की जाएगी। पर्यटन स्थलों पर उपयुक्त होर्डिंग्स लगाई जाएंगी।
सीपीसीबी ने कहा कि पहाड़ों पर लैंडफिल के निर्माण से बचना चाहिए। नियमों के तहत मैदानी क्षेत्रों में 25 किलोमीटर के भीतर सैनिटरी लैंडफिल की पहचान की जानी चाहिए। स्थानांतरण स्टेशन से कचरे का निपटान इन लैंडफिल में किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के 16 पुराने लैंडफिल स्थलों में से 2,48,381 टन कूड़े का निपटान किया जाना है। अब तक केवल 6 स्थलों को पूरी तरह साफ किया गया है। चार शहरी निकायों में 375 टन प्रतिदिन कूड़ा निकलता है।
इनमें से 368 टन कचरे का प्रसंस्करण किया जाता है। सात टन कचरा प्रतिदिन का अंतर रह जाता है। सीपीसीबी ने यह रिपोर्ट एनजीटी के 5 जून के आदेश के अनुपालन में पेश की है।
