Himachal News: हिमाचल प्रदेश की देवभूमि में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिला कांगड़ा के इंदौरा स्थित डमटाल पंचायत के माजरा गांव में एक डॉग शेल्टर के भीतर जिंदा गाय को कुत्तों के भोजन के लिए कथित रूप से छोड़ दिया गया। इस भयानक कृत्य का वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा और रोष फैल गया है।
डॉग शेल्टर संचालकों की क्रूरता पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंदौरा के पूर्व विधायक मनोहर धीमान ने राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल को पत्र लिखकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और मुख्यमंत्री को भी प्रति भेजी है। पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डॉग शेल्टर के खिलाफ गंभीर आरोप
यह चौंकाने वाली घटना कांगड़ा के इंदौरा में एक निजी डॉग शेल्टर में हुई। वायरल हुए वीडियो में दिखाया गया कि शेल्टर में मौजूद कुत्ते एक जिंदा गाय को नोच रहे थे। इस घटना के बाद, लोगों ने डॉग शेल्टर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि पंजाब के एक दंपति ने 2023 में माजरा गांव में दो एकड़ जमीन खरीदी थी और यह आश्रय स्थल खोला था। यह दंपति गुरदासपुर में भी एक एनजीओ चलाता है। पूर्व विधायक मनोहर धीमान ने शेल्टर की जमीन खरीद पर हिमाचल प्रदेश भूमि सुधार अधिनियम की धारा 118 के उल्लंघन का भी गंभीर आरोप लगाया है।
प्रशासन पर उठे सवाल, बिना एनओसी चल रहा था शेल्टर
इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। यह सामने आया है कि डॉग शेल्टर संस्था ने स्थानीय पंचायत से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था, न ही यह संस्था हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत थी। पूर्व विधायक ने राज्यपाल को लिखे पत्र में 23 अक्टूबर 2025 को हुई इसी तरह की एक अन्य घटना का भी जिक्र किया, जब गौशाला से कई गायों को बाहर फेंक दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि लोगों ने ज्ञापन सौंपा है और मामले की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, गैर-हिमाचली को यहां जमीन कैसे मिली, इस पर भी प्रशासन से जवाब मांगा जा रहा है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर गाय क्रूरता मामले की जांच शुरू कर दी है।
