Uttar Pradesh News: सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र में एक दलित महिला के साथ छेड़छाड़ के गंभीर मामले में अदालत ने पुलिस की सुस्ती पर कड़ी नाराजगी जताई है। विशेष न्यायाधीश एसी/एसटी एक्ट आबिद शमीम की अदालत ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई की।
अदालत ने घोरावल कोतवाल को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए। संबंधित क्षेत्राधिकारी से निष्पक्ष विवेचना कर परिणाम न्यायालय को भेजने को कहा। मामले को प्रथम दृष्टया अत्यंत गंभीर अपराध माना गया।
पीड़िता की दर्दनाक कहानी
घटना घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित महिला के साथ हुई। महिला ने बताया कि उसका पति मजदूरी करने गुजरात गया हुआ है। वह अपने बच्चों के साथ अकेले घर में रहती है। 18 सितंबर 2025 की रात करीब नौ बजे की घटना है।
आरोपी लवकुश चौहान ने बिजली चेक करने का बहाना बनाया। वह महिला के घर के अंदर घुस गया। घर में घुसते ही उसने महिला के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। महिला के विरोध करने पर स्थिति और बिगड़ गई।
जातिसूचक गालियां और धमकियां
आरोपी ने महिला को जातिसूचक गालियां देनी शुरू कर दीं। उसने महिला को मारने-पीटने का प्रयास किया। शोर सुनकर महिला के बच्चे और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। इस पर आरोपी ने और धमकियां दीं।
लवकुश चौहान ने जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी। इसके बाद वह घटनास्थल से फरार हो गया। इस Dalit woman के साथ हुई घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। स्थानीय लोग इस घटना से आक्रोशित हैं।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
महिला ने घटना के तुरंत बाद 112 नंबर पर फोन कर सूचना दी। लेकिन आरोपी को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगले दिन महिला ने घोरावल कोतवाली में तहरीर दर्ज कराई। पुलिस ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।
23 सितंबर को महिला ने एसपी सोनभद्र को पंजीकृत डाक से प्रार्थना पत्र भेजा। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। पीड़िता को मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
अदालत का हस्तक्षेप और निर्देश
विशेष न्यायाधीश आबिद शमीम ने पीड़िता की दलीलें और पत्रावली का अवलोकन किया। अदालत ने पुलिस की निष्क्रियता को गंभीर लापरवाही माना। इस court order ने पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया है।
अदालत ने घोरावल कोतवाल को तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। संबंधित सीओ को निष्पक्ष विवेचना करने के निर्देश दिए गए। विवेचना रिपोर्ट शीघ्र न्यायालय में पेश करने को कहा गया।
मामले की गंभीरता और प्रतिक्रियाएं
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि दलित महिलाओं की सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय बन गई है। पुलिस की निष्क्रियता और भी चिंताजनक है।
सामाजिक संगठनों ने त्वरित न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है। पुलिस प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
