Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने नकली दवा बनाने और बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके तार उसी कंपनी से जुड़े हैं जिसका कफ सिरप पीने के बाद उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर मौत हो गई थी। नोएडा में बने कफ सिरप को पीने के बीद 18 बच्चों की मौत का दावा उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से किया गया था।
जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान अतुल रावत, तुहिन भट्टाचार्या और मूल सिंह के रूप में की गई है जो दवा कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए हैं।
बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद साल 2022 में गौतम बुद्ध नगर के फेस – 2 पुलिस स्टेशन में ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट- 1940 के तहत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से किए गए दावे के बाद भारत सरकार और यूपी सरकार भी हरकत में आई थी और मामले की जांच शुरू की गई थी।
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से लगाए गए आरोपों के अनुसार 18 बच्चों की मौत के लिए नोएडा की दवा कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में बनी ‘डॉक-1 मैक्स’ दवा जिम्मेदार थी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने इस मामले में जांच शुरू की थी और रिपोर्ट आने तक मैरियन बायोटेक में किसी भी तरह के दवा उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया था। उत्तर प्रदेश के भी दवा नियंत्रण विभाग ने मैरियन बायोटेक के उत्पादन लाइसेंस को निलंबित कर दिया था।
तीन लोगों की गिरफ्तारी से संबंधित पूरे मामले की जानकारी देते हुए नोएडा पुलिस आयुक्त कार्यालय ने बताया है कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस -3 में बीती रात, 2 मार्च को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में कंपनी की डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह आदि के खिलाफ धारा 274, 275, 276 ,औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 17,17ए,17 -बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल और मूल सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि कंपनी के मालिक मालकिन फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।