Shimla News: शिमला स्मार्ट सिटी के तहत शहर में चल रहे विकास कार्यों की लागत बढऩे और पैसा खत्म होने के कारण विचित्र स्थिति पैदा हो गई है। एक तरफ इन परियोजनाओं पर काम कर रहे लोग असमंजस में है और दूसरी तरफ शहरी विकास विभाग ने राज्य और केंद्र सरकार से अतिरिक्त पैसे की मांग की है। यदि समय पर पैसा नहीं मिला तो यह प्रोजेक्ट लटक जाएंगे।
शिमला स्मार्ट सिटी के तहत ऐतिहासिक रिज मैदान की स्टेबलाइजेशन का काम चल रहा है। लक्कड़ बाजार की तरफ को रिज हर साल धंस रहा था और इसी वजह से तिब्बती मार्केट को भी वहां से हटा दिया गया था। इसके बाद स्मार्ट सिटी के तहत ही रिज को स्टेबलाइज करने के लिए काम शुरू हुआ। इसकी लागत तब 34 करोड़ थी। काम साईं इंजीनियरिंग फाउंडेशन को दिया गया।
बाद में आईआईटी रुडक़ी के डिजाइन के अनुसार प्रोजेक्ट बदला और लागत भी बढ़ गई। पहले डीपीआर में बताया गया था कि 12 मीटर गहराई में जाने तक ही पाइलिंग का काम होगा, लेकिन जमीन कच्ची मिलने के कारण यह पाइलिंग 25 मीटर से भी ज्यादा तक हो गई। इसलिए प्रोजेक्ट की लागत अब 34 करोड़ से बढक़र 66 करोड हो गई है। इसी तरह का दूसरा मामला ढली टनल का है। यह टनल बनकर तैयार है और दोनों तरफ वॉकवे अब बनाए जा रहे हैं। लेकिन डिजाइन में हल्का बदलाव करने के कारण यहां भी लागत बढ़ गई है।
कुल प्रोजेक्ट में 10 करोड़ से ज्यादा यह लागत बढऩे का अनुमान है। इस भुगतान के लिए भी राज्य सरकार या केंद्र से ही अतिरिक्त पैसा लेना पड़ेगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अवधि के बीच में ही जीएसटी की लागत भी केंद्र सरकार ने बढ़ा दी यह पहले 12 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर 18 फ़ीसदी कर दिया गया। इसके कारण ही 32 करोड़ की लागत स्मार्ट सिटी के कामों में बढ़ी है, क्योंकि ओवरऑल प्रोजेक्ट को 500 करोड़ पर लिमिट कर दिया गया था। अब स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की बढ़ी हुई लागत की भरपाई के शहरी विकास विभाग ने वित्त विभाग से मामला उठाया है।
केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट के तहत आप और पैसा नहीं देगी, क्योंकि डेडलाइन पूरी हो गई है। राज्य सरकार से पैसा मिलने के बाद ही इन परियोजनाओं को लेकर भुगतान हो पाएगा। प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग देवेश कुमार ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की लागत बढऩे के कारण राज्य सरकार से अतिरिक्त पैसे की मांग की गई है। भारत सरकार के साथ भी जीएसटी की दर बढऩे से 32 करोड़ के अतिरिक्त भुगतान की भरपाई करने को कहा गया है। अभी वहां से जवाब नहीं आया है।