Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने भ्रष्टाचार के मामलों में कार्यवाही न होने के विरोध में अनोखा रास्ता अपनाया है। तुलेश कुमार ठाकुर नामक इस एक्टिविस्ट ने लोकपाल कार्यालय के बाहर बैठकर धरना शुरू कर दिया है। यह विरोध ग्राम पंचायत भाटकीधार में मनरेगा के तहत जाली हाजिरी लगाने के आरोपों पर कार्रवाई की मांग को लेकर है।
तुलेश कुमार ठाकुर ग्राम पंचायत भाटकीधार के निवासी और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं। उनका कहना है कि पिछले पांच से छह महीने से वह लोकपाल से लगातार शिकायत कर रहे हैं। लेकिन अब तक उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसीलिए उन्होंने दफ्तर के बाहर बैठकर विरोध जताने का फैसला किया है।
मनरेगा में गड़बड़ी के गंभीर आरोप
आरोप है कि ग्राम पंचायत भाटकीधार के सभी वार्ड पंचों ने मनरेगा के तहत जाली हाजिरी लगाई है। कई मामलों में मनरेगा कर्मियों के स्थान पर अन्य लोग काम करते पाए गए हैं। कुछ कर्मियों की हाजिरी एक ही दिन में दो अलग-अलग जगहों पर दर्ज की गई है। यहां तक कि ताश खेलने वाले लोगों को भी मनरेगा में काम करते दिखाया गया है।
कुछ मामलों में तो दूसरी पंचायतों के लोगों की भी इस पंचायत में जाली हाजिरी लगाई गई है। यह सभी गड़बड़ियां वार्ड पंचों द्वारा की गई हैं। तुलेश कुमार का कहना है कि उन्होंने इन सभी मामलों को लोकपाल के समक्ष उजागर किया था। लेकिन अधिकारियों ने केवल आश्वासन दिए हैं, ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
लोकपाल द्वारा टालमटोल का आरोप
धरना के पहले दिन लोकपाल कार्यालय में मौजूद नहीं थे। उन्होंने फोन पर बातचीत में फिर से टालमटोल की कोशिश की। तुलेश कुमार के अनुसार लोकपाल ने पहले की तरह भविष्य में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन अब तक के अनुभव के आधार पर उन्हें इस पर भरोसा नहीं है।
उनका मानना है कि इस तरह की लेटलताफी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। अधिकारी गंभीर शिकायतों को हल्के में ले रहे हैं। इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाने का फैसला किया है। वह चाहते हैं कि भ्रष्ट प्रतिनिधियों के खिलाफ तुरंत दंडात्मक कार्रवाई हो।
चुनावी मौसम में बढ़ा विरोध
यह विरोध ऐसे समय में शुरू हुआ है जब हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष तेज हो गया है। अलग-अलग जगहों पर लोग सक्रिय हो रहे हैं। तुलेश कुमार का यह कदम इसी दिशा में एक प्रयास है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह केवल इसी मामले तक सीमित नहीं रहेंगे। यदि जरूरत पड़ी तो वह अन्य लंबित भ्रष्टाचार मामलों को लेकर भी संबंधित कार्यालयों के बाहर बैठेंगे। उनका उद्देश्य अधिकारियों को मामले की याद दिलाते रहना है।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का विस्तार
तुलेश कुमार ठाकुर का यह प्रदर्शन भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे व्यापक आंदोलन का हिस्सा बन गया है। प्रदेश भर में लोग अब जागरूक हो रहे हैं। वे भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले ने स्थानीय प्रशासन के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है।
स्थानीय निवासी इस विरोध को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कई लोग तुलेश कुमार के साहस की सराहना कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। सभी की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करता है।
