Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में भ्रष्टाचार घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है। भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने रामपुर भारापुर पंचायत में फर्जी बिलों के जरिए सरकारी धन की लूट का आरोप लगाया। आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने दावा किया कि मोटरसाइकिलों और छोटी गाड़ियों से टनों रेत-बजरी ढोने का फर्जीवाड़ा हुआ। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग उठ रही है।
मोटरसाइकिल से टनों सामग्री ढुलाई का दावा
भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने बताया कि रामपुर भारापुर पंचायत में मोटरसाइकिल नंबर HP-71-5062 पर 17.80 मीट्रिक टन रेत-बजरी दो चक्करों में ढोने का दावा किया गया। इसी तरह, दूसरी मोटरसाइकिल HP-71-6233 पर 8 मीट्रिक टन सामग्री की ढुलाई दिखाई गई। आरटीआई दस्तावेजों में यह भी सामने आया कि 945 किलो क्षमता वाली गाड़ी से 21.70 मीट्रिक टन सामग्री ढोने का फर्जी बिल बनाया गया।
फर्जी बिलों से सरकारी खजाने को नुकसान
वर्मा ने खुलासा किया कि भ्रष्टाचार घोटाले में एक ही ठेकेदार के नाम पर दो-दो बिल बनाए गए। बिल नंबर 154 और 152 में रेत, बजरी और गटके की समान मात्रा दर्शाई गई, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से हुआ। यह स्पष्ट करता है कि फर्जी बिलों के जरिए सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
सीमेंट ढुलाई के रेट में हेराफेरी
विधायक ने सीमेंट ढुलाई के रेट में भी गड़बड़ी का खुलासा किया। 2022 में सीमेंट ढुलाई का रेट 2998 रुपये था, जो 2024 में घटकर 1534 रुपये हो गया। वर्मा ने सवाल उठाया कि जब महंगाई बढ़ रही है, तो ढुलाई दरें कैसे कम हो सकती हैं? उन्होंने इसे सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के संरक्षण में हुआ भ्रष्टाचार घोटाला बताया और इसकी गहन जांच की मांग की।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
वर्मा ने इस भ्रष्टाचार घोटाले को करोड़ों का घोटाला करार देते हुए सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि जांच समिति में वरिष्ठ अधिकारी और न्यायाधीश शामिल हों। उनका कहना है कि यह मामला गंभीर है और इसके तार सत्ताधारी दल से जुड़े हो सकते हैं। फर्जी बिल और असंभव ढुलाई के दावों ने पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर की हैं।
आरटीआई ने खोली पोल
आरटीआई के जरिए प्राप्त दस्तावेजों ने इस घोटाले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई। वर्मा ने बताया कि मोटरसाइकिलों और छोटी गाड़ियों से भारी मात्रा में सामग्री ढोने का दावा पूरी तरह अव्यवहारिक है। यह स्पष्ट रूप से सरकारी धन की लूट का मामला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जीवाड़े से पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
सरकार पर सवाल
भाजपा ने इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा है। वर्मा ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के संरक्षण के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा दी जाए। यह घोटाला न केवल सरकारी धन की बर्बादी को दर्शाता है, बल्कि पंचायत स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है।
