Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक महिला प्रधान रेत-बजरी की आपूर्ति के एवज में कमीशन मांगती सुनाई दे रही हैं। यह मामला सरकाघाट क्षेत्र की एक पंचायत से जुड़ा है। प्रधान ने प्रति टिप्पर पांच सौ रुपये की दर से पैसे लेने की बात कही है।
ऑडियो में महिला प्रधान साफ शब्दों में कमीशन की मांग करती हैं। वह कहती हैं कि तीन साल तक उन्होंने कुछ नहीं लिया। अब वह प्रति टिप्पर पांच सौ रुपये लेंगी। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ मोहर लगाने के लिए नहीं बैठी हैं। प्रधान ने ठेकेदार से कहा कि आप भी कमाओ और मैं भी कमाऊं।
महिला प्रधान ने तकनीकी सहायक के तबादले का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि वह टीए से खुद बिल पास करवा लेंगी। ऑडियो में एक महिला टीए के बारे में भी चर्चा हुई। प्रधान ने कहा कि सब ही खाने वाले हैं। इससे पंचायत व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार के गंभीर सवाल उठते हैं।
ऑडियो में ठेकेदार ने बताया कि तीन साल बाद उसकी छह लाख रुपये की भुगतान रिलीज हुई है। महिला प्रधान ने इस पर कहा कि वह कुछ दिन से व्यस्त थीं। अब वह एक्टिव हो जाएंगी। यह बातचीत पंचायत में भ्रष्टाचार की गंभीरता को दर्शाती है।
मामले की प्रतिक्रिया
पंचायती राज विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि मामले को संज्ञान में लिया गया है। आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ऑडियो की प्रामाणिकता की जांच भी की जा रही है।
ऑडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय स्तर पर तेज प्रतिक्रिया हुई है। लोग पंचायतों में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। यह मामला पंचायत चुनावों से पहले चर्चा का विषय बना हुआ है। भ्रष्टाचार के मामले में जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठ रहे हैं।
ऑडियो की समयावधि
ऑडियो क्लिप कब की है, यह स्पष्ट नहीं है। बातचीत के अंदाज से लगता है कि ऑडियो पुरानी हो सकती है। महिला प्रधान तीन साल की अवधि का जिक्र कर रही हैं। हिमाचल में पंचायत चुनाव नजदीक होने के कारण इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
मामला सरकाघाट की पंचायत से जुड़ा है। इस इलाके में रेत-बजरी की आपूर्ति बड़ा व्यवसाय है। पंचायत प्रधानों के पास इनके आवंटन की महत्वपूर्ण शक्ति होती है। इस शक्ति के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं।
पंचायत व्यवस्था में सुधार की मांग
इस घटना ने पंचायती राज संस्थाओं में सुधार की बहस को फिर से शुरू कर दिया है। विशेषज्ञ पंचायत कार्यों में पारदर्शिता लाने पर जोर दे रहे हैं। डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था की मांग उठ रही है।
पंचायत विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारी ऑडियो में शामिल सभी लोगों की पहचान कर रहे हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने ऐसे सभी मामलों की जांच का आश्वासन दिया है।
