शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

धर्मांतरण रैकेट: मोदी वाले लेटरहेड का इस्तेमाल, RSS का बताया पदाधिकारी; जानें छगुर बाबा कैसे करता था गुमराह

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश ATS और STF ने धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया। मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया। उसने खुद को RSS से जुड़े संगठन का पदाधिकारी बताकर ठगी की। उसने पीएम मोदी की तस्वीर वाले लेटरहेड का इस्तेमाल किया। जांच में 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ। ATS, STF और ED संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रहे हैं।

फर्जी RSS संगठन का दावा

छांगुर बाबा ने खुद को “भारत प्रतिकार्थ सेवा संघ” का महासचिव बताया। यह संगठन ईदुल इस्लाम नामक सहयोगी चलाता था। नागपुर में फर्जी सेंटर खोलकर इसे वैध दिखाने की कोशिश हुई। बाबा और इस्लाम ने पीएम मोदी की तस्वीर वाले लेटरहेड का उपयोग किया। वे RSS के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर अधिकारियों को प्रभावित करते थे। ATS ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया। जांच में कई संदिग्धों के नाम सामने आए।

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विदेशी फंडिंग का खुलासा

ATS की FIR के अनुसार, छांगुर बाबा ने आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना बनाई। उसे पाकिस्तान और अन्य मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली। जांच में 22 बैंक खातों के जरिए 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग सामने आई। ED ने यूपी और महाराष्ट्र में बाबा की 100 करोड़ की संपत्तियों का पता लगाया। इनमें ज्यादातर सरकारी जमीनों पर बनी हैं। जांच अभी जारी है।

ED की जांच और संपत्तियों पर कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय ने छांगुर बाबा की संपत्तियों की जांच शुरू की। मुंबई में ‘रनवाल ग्रीन्स’ नामक संपत्ति संदिग्ध सौदे से खरीदी गई। पनामा की कंपनी ‘Logos Marine’ से फंडिंग का कनेक्शन मिला। बाबा की यूपी और महाराष्ट्र में 100 करोड़ से अधिक की संपत्तियां हैं। ATS और STF ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की। मामले में धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी साजिश की धाराएं लगाई गई हैं।

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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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