Uttar Pradesh News: आगरा पुलिस ने धर्मांतरण मामले में देहरादून की 21 वर्षीय युवती रीना (काल्पनिक नाम) को मुक्त कराया। शुक्रवार को उसे अदालत में पेश किया गया, जहां धारा 183 बीएनएसएस के तहत बयान दर्ज हुआ। रीना, जो गोद ली हुई है, इस मामले में मुख्य गवाह है। जांच में पता चला कि उसे फेसबुक के जरिए इस्लामिक ग्रुप से जोड़ा गया था। पुलिस ने मुख्य आरोपियों से पूछताछ शुरू की है।
फेसबुक के जरिए शुरू हुआ संपर्क
रीना 2019 में फेसबुक के जरिए मुजफ्फरनगर के अबू तालिब से जुड़ी। उसने रीना को “रिवर्ट टू इस्लाम” ग्रुप से जोड़ा, जहां उसकी मुलाकात दिल्ली के अब्दुल रहमान, उसके बेटों अब्दुल्ला, अब्दुल रहीम, देहरादून के अब्दुर रहमान, आयशा और अन्य आरोपियों से हुई। धर्मांतरण मामले में इन लोगों ने रीना को प्रभावित किया। अबू तालिब ने उसे मोबाइल, कपड़े और पैसे दिए, जिसका भुगतान आयशा ने किया था।
ब्रेनवॉश और शादी का दबाव
जांच में खुलासा हुआ कि रीना का ब्रेनवॉश किया गया। अबू तालिब और अन्य ने उसे इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया। देहरादून के अब्दुर रहमान, जो पहले तीन निकाह कर चुका है, ने रीना पर शादी का दबाव डाला। आरोपियों ने व्हाट्सएप पर कलमा सिखाया और उसका नाम बदलकर “मरियम” रखा। धर्मांतरण मामले में पैसों का लालच देकर उसे प्रभावित किया गया। पुलिस ने इस साजिश का पर्दाफाश किया।
सुरक्षित स्थान पर ले जाने की साजिश
आरोपियों ने रीना को देहरादून से एक सुरक्षित घर ले जाने की योजना बनाई। एक स्थानीय मुस्लिम ड्राइवर ने गाड़ी का इंतजाम किया और रीना को मोबाइल व सिम तोड़कर फेंकने को कहा। धर्मांतरण मामले में पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की और रीना को मुक्त कराया। सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस इस मामले में अन्य संलिप्त लोगों की तलाश कर रही है।
