शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

दूषित कफ सिरप: तमिलनाडु फैक्ट्री में मिली 350 से ज्यादा खामियां, जांच में सामने आई दहला देने वाली सच्चाई

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Bhopal News: मध्य प्रदेश में दूषित कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों का मामला गहराता जा रहा है। तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट में कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल में 350 से अधिक गंभीर खामियां पाई गई हैं। इस कंपनी के कोल्ड्रिफ कफ सिरप को मध्य प्रदेश के 14 और राजस्थान के 2 बच्चों की मौत से जोड़कर देखा जा रहा है।

मध्य प्रदेश सरकार ने डॉक्टर प्रवीण सोनी के परिवार के एक सदस्य के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। डॉक्टर सोनी पर दूषित कफ सिरप लिखने का आरोप है। सरकार अब जांच कर रही है कि दूषित सिरप की इतनी बड़ी खेप छिंदवाड़ा जिले के परासिया में कैसे पहुंची।

फैक्ट्री में पाई गईं गंभीर खामियां

तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग के निरीक्षण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। निरीक्षकों ने फैक्ट्री में गंदगी और अस्वच्छ परिस्थितियां पाईं। वहां कोई एयर हैंडलिंग यूनिट नहीं थी और वेंटिलेशन सिस्टम खराब था। उपकरण जंग लगे हुए और क्षतिग्रस्त पाए गए।

प्लांट का लेआउट ही संदूषण के जोखिम को बढ़ा रहा था। गुणवत्ता आश्वासन विभाग पूरी तरह से अनुपस्थित था। बैच रिलीज की निगरानी के लिए कोई अधिकृत व्यक्ति नहीं था। उत्पादों को वापस बुलाने की कोई प्रक्रिया नहीं थी।

डेंजरस केमिकल्स का इस्तेमाल

रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा डायथिलीन ग्लाइकॉल के इस्तेमाल का हुआ है। यह एक अत्यधिक विषैला औद्योगिक विलायक है जो ब्रेक द्रव और पेंट में इस्तेमाल होता है। कंपनी ने बिना चालान के 50 किलो प्रोपिलीन ग्लाइकॉल खरीदा था।

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प्रोपिलीन ग्लाइकॉल की जगह डायथिलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल घातक साबित हुआ। यह केमिकल कम मात्रा में भी मनुष्यों के लिए जानलेवा होता है। दुनिया भर में ऐसी कई विषाक्तता की घटनाएं इसी कारण हुई हैं।

लापरवाह निर्माण प्रक्रिया

कंपनी तरल फॉर्मूलेशन को स्थानांतरित करने के लिए प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल करती थी। फिल्टरेशन सिस्टम पूरी तरह से अनुपस्थित था। रासायनिक अपशिष्टों को सीधे सामान्य नालियों में बहाया जाता था। शुद्ध पानी के टैंक अस्वस्थ्यकर स्थिति में पाए गए।

कच्चा माल बिना किसी परीक्षण के जारी किया जाता था। नमूने खुले वातावरण में लिए जाते थे जिससे संदूषण अपरिहार्य था। कीटों और कृंतकों को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं थे। फ्लाई कैचर और एयर कर्टेन गायब थे।

सरकारी कार्रवाई तेज

तमिलनाडु सरकार ने एक अक्टूबर से पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाजार से सभी मौजूदा स्टॉक हटाने का आदेश दिया गया है। फैक्ट्री में उत्पादन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार ने तीन अधिकारियों को निलंबित किया है। राज्य औषधि नियंत्रक का तबादला कर दिया गया है। कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है। देशव्यापी अलर्ट जारी किया गया है।

आईएमए ने उठाए सवाल

भारतीय चिकित्सा संघ ने गिरफ्तार डॉक्टर का बचाव करते हुए सवाल उठाए हैं। आईएमए का कहना है कि सिरप की मंजूरी और गुणवत्ता निगरानी औषधि नियामक प्रणाली की जिम्मेदारी है। संघ ने सीडीएससीओ और मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन पर निगरानी में विफल रहने का आरोप लगाया है।

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आईएमए के अनुसार डॉक्टरों के पास दवाओं की गुणवत्ता जांचने का कोई तरीका नहीं होता। वे निर्माता कंपनियों और नियामक अधिकारियों पर भरोसा करते हैं। इस मामले में नियामक प्रणाली विफल रही है।

निगरानी तंत्र में खामी

रिपोर्ट बताती है कि कंपनी में कोई फार्माकोविजिलेंस सिस्टम नहीं था। प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं पर नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं थी। कुशल कर्मचारियों की कमी थी। विश्लेषणात्मक परीक्षण विधियों का सत्यापन नहीं हुआ था।

सफाई प्रक्रियाओं की कोई जांच नहीं की जाती थी। गाउनिंग प्रक्रिया, जीएमपी ड्रेन, शुद्ध जल प्रणाली जैसी बुनियादी सुविधाएं अनुपस्थित थीं। कीट नियंत्रण या सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी।

मौतों की जांच जारी

मध्य प्रदेश में जांच अधिकारी दूषित सिरप की खेप के रास्ते का पता लगा रहे हैं। जबलपुर से छिंदवाड़ा के लिए 600 से ज्यादा दूषित कफ सिरप भेजे गए थे। इनमें से बड़ी खेप परासिया पहुंची थी।

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मामले की छानबीन कर रही हैं। डॉक्टर प्रवीण सोनी की भूमिका की जांच की जा रही है। उनके परिवार के मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई हुई है। सभी संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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