Karnataka News: राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के भीतर अब नेतृत्व परिवर्तन को ही स्थायी हल माना जा रहा है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सीएम रेस में सबसे आगे चल रहा है।
दलित विधायकों ने बढ़ाई दावेदारी
साल 2023 के चुनाव में दलित और आदिवासी वोटरों ने पार्टी को बड़ी जीत दिलाई थी। पार्टी ने एससी और एसटी की अधिकांश आरक्षित सीटों पर कब्जा जमाया था। अब दलित नेता सरकार में अपनी उचित हिस्सेदारी मांग रहे हैं। इन नेताओं का मानना है कि जीत में उनके समाज का योगदान सबसे ज्यादा है।
खड़गे को मिल सकती है कमान
मल्लिकार्जुन खड़गे इससे पहले दो बार मुख्यमंत्री बनने से चूक चुके हैं। वे कई बार सार्वजनिक मंचों पर इसका दर्द भी बयां कर चुके हैं। खड़गे एक अनुभवी नेता हैं और दलित समाज का बड़ा चेहरा भी हैं। माना जा रहा है कि वे पार्टी के सभी गुटों को साथ लेकर चल सकते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस हाईकमान उन पर भरोसा जता सकता है।
ये नेता भी हैं रेस में शामिल
सीएम पद की दौड़ में जी. परमेश्वर और सतीश जारकीहोली का नाम भी शामिल है। सतीश जारकीहोली ने राज्य में सामाजिक संतुलन के लिए 3-4 उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। खास बात यह है कि सिद्धारमैया के बेटे यतिंद्र ने भी जारकीहोली का समर्थन किया है। उन्होंने जारकीहोली को अपने पिता का असली उत्तराधिकारी बताया है।
दिल्ली में हो सकता है फैसला
डीके शिवकुमार खेमे का दावा है कि सिद्धारमैया ने नवंबर में पद छोड़ने का वादा किया था। विवाद बढ़ने पर हाईकमान को बीच-बचाव करना पड़ा है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के रास्ते खोले गए हैं। खबरों के मुताबिक, जल्द ही दोनों दिग्गजों को दिल्ली बुलाया जा सकता है। कांग्रेस आलाकमान इस मुद्दे पर जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
