शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

कांग्रेस: हिमाचल में बड़ा बदलाव, जिला अध्यक्ष बनाने की शक्ति राज्य अध्यक्ष से छीनी

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Himachal News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने हिमाचल प्रदेश में संगठन सृजन कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। यह पहला मौका है जब राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पास जिला अध्यक्ष नियुक्त करने की शक्तियां नहीं रहेंगी। सभी नियुक्तियां पर्यवेक्षकों की सिफारिशों पर होंगी। यह मॉडल कांग्रेस हाईकमान ने दस से अधिक राज्यों में पहले ही लागू किया है।

पार्टी के इस नए मॉडल से जिला अध्यक्षों को मजबूत राजनीतिक समर्थन मिलेगा। यह अभियान दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में जिला अध्यक्षों का चयन किया जाएगा। दूसरे चरण में ब्लॉक स्तर के अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी राहुल गांधी स्वयं कर रहे हैं।

पर्यवेक्षकों की भूमिका

हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक अगले एक-दो दिन में कार्यभार संभाल लेंगे। ये पर्यवेक्षक सीधे हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति राज्य अध्यक्ष की सिफारिश के बजाय पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर होगी। इससे पार्टी संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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नए चेहरों के अवसर

हिमाचल में पिछले एक साल से सभी स्तर की कांग्रेस कमेटियां भंग हैं। नवंबर 2024 में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसकी घोषणा की थी। जिला और ब्लॉक स्तर पर कई वर्षों से एक ही लोग पदों पर बने हुए थे। नई प्रक्रिया में नए लोगों के आगे आने की उम्मीद है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम

हाईकमान जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को विशेष प्रशिक्षण देगा। इसमें पार्टी की विचारधारा और संगठन को मजबूत करने के तरीके सिखाए जाएंगे। कार्यक्रम आयोजित करने की जानकारी दी जाएगी। इससे जमीनी स्तर पर पार्टी की मजबूती सुनिश्चित होगी।

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अन्य राज्यों में हिमाचल के नेता

हिमाचल के कई नेताओं को अन्य राज्यों में पर्यवेक्षक बनाया गया है। कुलदीप राठौर पहले गुजरात और अब उत्तराखंड में कार्य कर रहे हैं। विनोद सुल्तानपुरी और रघुबीर सिंह बाली को भी अन्य राज्यों में जिम्मेदारी मिली है। इससे पार्टी के अंतर-राज्यीय समन्वय में मदद मिलती है।

कांग्रेस का यह नया मॉडल संगठनात्मक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पार्टी संरचना में पारदर्शिता और जवाबदेही आने की उम्मीद है। स्थानीय स्तर पर नए नेतृत्व के विकास के अवसर पैदा होंगे। यह बदलाव कांग्रेस के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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