Himachal News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा तेज हो गई है। वर्तमान अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो चुका है। पार्टी हाईकमान लगभग एक साल से नए नेतृत्व पर विचार कर रहा है। आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए यह नियुक्ति महत्वपूर्ण हो गई है।
चार प्रमुख नेता अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं। इनमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर, बिनोद सुल्तानपुरी और विनय कुमार शामिल हैं। सभी चार नेता शिमला संसदीय क्षेत्र से संबंध रखते हैं। यह क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है।
प्रमुख दावेदारों का राजनीतिक प्रोफाइल
रोहित ठाकुर वर्तमान में शिक्षा मंत्री हैं और पहले भी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। उन्होंने अध्यक्ष पद की अपनी इच्छा सार्वजनिक रूप से जाहिर की है। उनके राजनीतिक अनुभव और सक्रियता के चलते उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वे राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
कुलदीप राठौर 2019 से 2022 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने चार उपचुनाव जीते थे। अब वे पहली बार विधायक बने हैं लेकिन संगठन पर उनकी मजबूत पकड़ है। वे भी राजपूत समुदाय से हैं और अनुभव के आधार पर प्रबल दावेदार हैं।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन की रणनीति
बिनोद सुल्तानपुरी कसौली से विधायक हैं और अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। वे युवा चेहरा हैं और पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। यदि पार्टी अनुसूचित जाति से अध्यक्ष बनाने का फैसला करती है तो उनका दावा मजबूत हो सकता है। वे संगठन में नई ऊर्जा ला सकते हैं।
विनय कुमार रेणुका से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हैं। वे भी अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं और वरिष्ठ नेता हैं। उनके पास व्यापक अनुभव है और वे पार्टी के भीतर सम्मानित व्यक्तित्व माने जाते हैं। वे भी अध्यक्ष पद के लिए गंभीर दावेदार हैं।
राजनीतिक संतुलन और हाईकमान की रणनीति
कांग्रेस हाईकमान नए अध्यक्ष के चयन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को प्राथमिकता दे रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों निचले हिमाचल से हैं। ऐसे में पार्टी ऊपरी हिमाचल के शिमला क्षेत्र से अध्यक्ष चुनकर संतुलन बनाना चाहती है।
शिमला संसदीय क्षेत्र में कुल 17 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 14 सीटों पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। इस क्षेत्र से राज्य सरकार के पांच मंत्री भी हैं। यह क्षेत्र पार्टी के लिए सामरिक महत्व रखता है। इसलिए अध्यक्ष पद के लिए इस क्षेत्र के नेता प्राथमिकता में हैं।
मुख्यमंत्री की भूमिका और आगामी चुनौतियां
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाल ही में दिल्ली दौरे पर गए थे। उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान नए अध्यक्ष के चयन पर चर्चा हुई। पार्टी हाईकमान इस मामले में मुख्यमंत्री की राय को महत्व दे सकता है।
आगामी पंचायत चुनाव और भविष्य के विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी को मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है। नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी संगठन को मजबूत करने और चुनावी तैयारियों को गति देने की होगी। पार्टी हाईकमान से जल्द निर्णय की उम्मीद की जा रही है।
