Himachal News: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की उपलब्धता पर सवाल उठ रहे हैं। मंत्री सप्ताह में चार दिन अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहते हैं। शिमला सचिवालय में वे एक-दो दिन ही उपलब्ध होते हैं। इससे लोगों के काम अटक रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गांवों में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत समस्याएं सुन रहे हैं। लेकिन मंत्रियों की अनुपस्थिति से जनता को परेशानी हो रही है।
मंत्रियों का साप्ताहिक कार्यक्रम
कांग्रेस सरकार के मंत्रियों का टूर प्रोग्राम उनकी अनुपस्थिति को दर्शाता है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हरोली में ज्यादा समय बिताते हैं। कृषि मंत्री चंद्र कुमार, स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा भी अपने क्षेत्रों तक सीमित हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर हाल ही में जुब्बल-कोटखाई दौरे पर थे। सोमवार को केवल तीन मंत्री—हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी और अनिरुद्ध सिंह—सचिवालय में मौजूद थे। बाकी अपने क्षेत्रों में थे।
सचिवालय में सीमित उपस्थिति
सोमवार को कांग्रेस सरकार के केवल तीन मंत्री सचिवालय में थे। हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी और अनिरुद्ध सिंह ने विभागीय बैठकें कीं। मुख्यमंत्री सुक्खू ओकओवर से वर्चुअल बैठकें कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हरोली में एक धार्मिक आयोजन में शामिल हुए। राजेश धर्माणी दो दिन सचिवालय में रहे, फिर घुमारवीं चले गए। मंत्रियों की कम उपस्थिति से सचिवालय में फाइलों का निपटारा धीमा हो रहा है।
कांग्रेस मुख्यालय में कोई नहीं
मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंत्रियों को राजीव भवन में बैठने के निर्देश दिए थे। इससे कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याएं सुनी जा सकती थीं। लेकिन कांग्रेस सरकार का कोई भी मंत्री वहां नहीं बैठा। सुक्खू ने स्वयं दिसंबर 2022 में इसकी शुरुआत की थी। मंत्रियों की अनुपस्थिति से कार्यकर्ताओं को सचिवालय में प्रवेश पास की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इससे जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है।
