Hamirpur News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच बुधवार को हाथापाई की घटना सामने आई है। यह घटना मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृहजिला हमीरपुर में घटित हुई। एक रेस्ट हाउस में हुई बैठक के दौरान कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। मामले की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस घटना ने कांग्रेस पार्टी के आंतरिक मतभेदों को एक बार फिर उजागर किया है।
बैठक का आयोजन लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में बुधवार दोपहर एक बजे किया गया था। इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में चल रहे और प्रस्तावित विकास कार्यों की समीक्षा करना था। बैठक में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा भी मौजूद थे। पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुमन भारती और एपीएमसी चेयरमैन अजय शर्मा सहित कई पदाधिकारी भी वहां उपस्थित थे।
चर्चा के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने अपनी अनदेखी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण विकास कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। इन आरोपों को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस छिड़ गई। बहस इतनी गर्म हो गई कि स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई। कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे का गिरेबां पकड़ लिया और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
वायरल हुए वीडियो फुटेज में कार्यकर्ताओं को आपस में हाथापाई करते देखा जा सकता है। वीडियो में वरिष्ठ कार्यकर्ता भी विवाद को शांत कराने की कोशिश करते नजर आए। विवाद बढ़ता देख रेस्ट हाउस के गेट बंद कर दिए गए। लेकिन कार्यकर्ता लड़ते-झगड़ते बाहर आ गए। सड़क पर भी हाथापाई जारी रही। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते असंतोष का संकेत देती है।
वरिष्ठ नेताओं ने बीच-बचाव करके स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को शांत होने का आग्रह किया। नेताओं ने आश्वासन दिया कि सभी की समस्याओं और सुझावों को गंभीरता से सुना जाएगा। उन्होंने विकास कार्यों में पारदर्शिता और तेजी लाने का भरोसा दिलाया। बैठक कुछ देर के लिए अव्यवस्थित जरूर हुई लेकिन बाद में उसे फिर से शुरू किया गया।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि परिवार में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर केवल बयान देने तक सीमित हैं। शर्मा ने आरोप लगाया कि सांसद ने प्रदेश के विकास कार्यों पर कभी चर्चा नहीं की। उन्होंने इस घटना को आंतरिक मामला बताया।
स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह घटना लंबे समय से चले आ रहे असंतोष का परिणाम है। उनका दावा है कि क्षेत्र के विकास कार्यों में पारदर्शिता की कमी है। कार्यकर्ताओं को लगता है कि उनकी बातों को गंभीरता से नहीं सुना जा रहा है। इसी कारण बैठक के दौरान आक्रोश फूट पड़ा। यह घटना पार्टी प्रबंधन में खामियों को दर्शाती है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में यह पहली बार नहीं है जब सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं। इससे पहले भी कई बार पार्टी के अंदरूनी विवाद सुर्खियां बटोर चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी घटनाएं पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। विपक्षी दलों को भी ऐसे मौके का फायदा मिलता है। पार्टी प्रबंधन को इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
इस घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई है। हालांकि अभी तक किसी ने आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए है। अगर किसी पक्ष की तरफ से लिखित शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामला शांत है और स्थिति नियंत्रण में है।
