शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

कांगो: पूर्व राष्ट्रपति जोसेफ काबिला को सैन्य अदालत ने सुनाई मौत की सजा, जानें क्या लगे हैं गंभीर आरोप

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Kinshasa News: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के पूर्व राष्ट्रपति जोसेफ काबिला को सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला मंगलवार को अनुपस्थिति में दिया गया। अदालत ने उन्हें युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया। इसके साथ ही उन पर देशद्रोह का आरोप भी सिद्ध हुआ।

मामला रवांडा समर्थित एम23 विद्रोहियों को समर्थन देने से जुड़ा है। अदालत ने काबिला पर हत्या और यौन हिंसा के आरोप साबित पाए। यातना देने और विद्रोह भड़काने के मामले भी उनके खिलाफ सिद्ध हुए। सुनवाई के दौरान न तो काबिला मौजूद थे और न ही उनके किसी वकील ने पेश होकर बहस की।

आरोपों की गंभीरता

सैन्य अदालत ने काबिला को 50 अरब डॉलर मुआवजा अदा करने का भी आदेश दिया। यह राशि राज्य और पीड़ितों को देनी होगी। मामले में एम23 विद्रोहियों को समर्थन देने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। यह विद्रोही समूह पूर्वी कांगो में सक्रिय है और रवांडा का समर्थन प्राप्त करता है।

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जोसेफ काबिला ने साल 2001 से 2019 तक कांगो पर शासन किया। वर्ष 2019 में जनआंदोलन के दबाव में उन्होंने पद छोड़ दिया था। तब से वे ज्यादातर समय दक्षिण अफ्रीका में रहे हैं। हालांकि मई महीने में वे पूर्वी कांगो के गोमा शहर में विद्रोहियों के बीच देखे गए थे।

वर्तमान राजनीतिक स्थिति

वर्तमान राष्ट्रपति फेलिक्स त्शिसेकेदी ने काबिला पर एम23 विद्रोहियों को प्रायोजित करने का आरोप लगाया था। एम23 समूह ने नॉर्थ और साउथ किवु प्रांतों के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है। इस संघर्ष में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग विस्थापित होने को मजबूर हुए हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला देश में और अधिक अस्थिरता ला सकता है। इससे राजनीतिक विभाजन को बल मिल सकता है। कांगो में सैन्य अदालत का यह निर्णय ऐतिहासिक महत्व का है। यह पहला मौका है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को मौत की सजा सुनाई गई है।

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कांगो में राजनीतिक स्थिति लंबे समय से संकटग्रस्त रही है। पूर्वी इलाकों में सशस्त्र संघर्ष जारी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हिंसा पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने शांति बहाल करने के प्रयास किए हैं। मानवाधिकार संगठनों ने युद्ध अपराधों की निंदा की है।

काबिला के खिलाफ यह मामला कांगो की न्यायिक प्रक्रिया में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे भविष्य में उच्च पदस्थ लोगों के खिलाफ कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। हालांकि विशेषज्ञ इसके राजनीतिक परिणामों को लेकर चिंतित हैं। देश में स्थिरता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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