शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल में टकोली टोल प्लाजा पर वसूली की निंदा, किसानों ने की बंद करने की मांग

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Himachal News: हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ ने एनएच-3 की खराब हालत के बावजूद टकोली टोल प्लाजा पर वसूली की निंदा की। संगठनों ने इसे जनता की लूट बताया। मंडी-कुल्लू सड़कें टूटी हैं। भूस्खलन से यातायात ठप है। सेब सीजन में किसान परेशान हैं। संगठनों ने टोल बंद करने की मांग की। उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई।

एनएच-3 की बदहाल स्थिति

राष्ट्रीय उच्च मार्ग-3 की मंडी से कुल्लू तक की स्थिति खराब है। बारिश ने सड़कों को और बिगाड़ दिया। जगह-जगह सड़कें धंस गई हैं। भूस्खलन लगातार हो रहे हैं। कई स्थानों पर यातायात पूरी तरह ठप है। यात्रियों को टनल में 72 घंटे तक फंसना पड़ा। भूख और प्यास में लोग परेशान हुए। इसके बावजूद टकोली टोल प्लाजा पर भारी टोल वसूला जा रहा है।

टोल वसूली पर सवाल

सेब उत्पादक संघ के महेंद्र सिंह राणा ने टोल वसूली को गलत बताया। उन्होंने कहा कि सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं। सड़कें टूटी हैं। पुल क्षतिग्रस्त हैं। यात्रा जोखिम भरी है। टोल तभी जायज है जब बेहतर सुविधाएँ हों। एनएचएआई और टोल ऑपरेटर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। राणा ने इसे खुली लूट करार दिया। जनता को राहत देने की मांग की।

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सेब सीजन पर असर

हिमाचल में सेब सीजन चरम पर है। खराब सड़कों से किसान परेशान हैं। सेब मंडियों तक नहीं पहुँच पा रहे। कई जगह सेब सड़ रहा है। किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है। बिजली और पानी की सप्लाई भी तीन दिनों से बंद है। इससे बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। टोल वसूली ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया।

उग्र आंदोलन की चेतावनी

महेंद्र सिंह राणा ने सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि टोल वसूली बंद नहीं हुई तो आंदोलन होगा। किसान और बागवान सड़कों पर उतरेंगे। संगठनों ने उच्च न्यायालय या लोकायुक्त में शिकायत की बात कही। मांगों पर जल्द कार्रवाई की अपील की गई। यह मुद्दा स्थानीय लोगों और बागवानों के लिए गंभीर है। सरकार से त्वरित हस्तक्षेप की उम्मीद है।

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बागवानों की मुश्किलें

सेब उत्पादक और किसान सड़कों की खराब स्थिति से त्रस्त हैं। टकोली टोल प्लाजा पर वसूली उनकी मुश्किलें बढ़ा रही है। बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं। यात्रा असुरक्षित है। सेब सीजन में नुकसान हो रहा है। संगठनों ने सरकार और एनएचएआई से स्थिति सुधारने की मांग की। टोल वसूली बंद करने से बागवानों को राहत मिलेगी। यह कदम उनकी आर्थिक स्थिति सुधारेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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