Himachal News: मंडी सांसद कंगना रनौत के खिलाफ परिवाद को अधीनस्थ न्यायालय ने खारिज कर दिया था। रिवीजनकर्ता ने सत्र न्यायालय में अपील दायर की। शुक्रवार को इसकी सुनवाई होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को परिवाद दायर किया था। कंगना पर किसानों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप है। यह बयान 26 अगस्त 2024 को दिया गया था।
परिवाद का आधार
वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कंगना के खिलाफ परिवाद दायर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कंगना ने 26 अगस्त 2024 को बयान दिया। यह बयान किसानों के लिए अपमानजनक था। इससे लाखों किसानों की भावनाएं आहत हुईं। परिवाद 11 सितंबर 2024 को दायर हुआ। अधीनस्थ न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया। रिवीजनकर्ता ने सत्र न्यायालय में अपील की। अब शुक्रवार को सुनवाई होगी।
सत्र न्यायालय में सुनवाई
सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी। रिवीजनकर्ता ने अधीनस्थ न्यायालय के फैसले को चुनौती दी। कंगना के खिलाफ अपील दायर की गई है। यह मामला उनके 26 अगस्त के बयान से जुड़ा है। किसानों ने बयान को अपमानजनक बताया। सत्र न्यायालय का फैसला अहम होगा। दोनों पक्षों के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे। यह मामला चर्चा में है।
कंगना की ओर से जवाब
कंगना की ओर से वकीलों ने जवाब के लिए समय मांगा था। 19 जुलाई को प्रार्थना पत्र दायर हुआ। उन्होंने परिवाद के खिलाफ दलीलें तैयार करने को कहा। कंगना ने बयान पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा कि उनका इरादा भावनाएं आहत करना नहीं था। फिर भी किसानों ने आपत्ति जताई। यह मामला अब सत्र न्यायालय में है। सुनवाई के नतीजे पर सबकी नजर है।
किसानों की नाराजगी
कंगना के बयान से किसान समुदाय नाराज है। उन्होंने इसे अपमानजनक बताया। लाखों किसानों ने बयान की निंदा की। शर्मा ने कहा कि यह भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था। किसानों ने कानूनी कार्रवाई की मांग की। परिवाद इसी मांग का हिस्सा था। सत्र न्यायालय में अपील से मामला फिर सुर्खियों में है। किसान समुदाय फैसले का इंतजार कर रहा है।
मामला और उसका प्रभाव
कंगना रनौत मंडी से भाजपा सांसद हैं। उनके बयान अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस बार किसानों से जुड़ा बयान विवादित हुआ। परिवाद और रिवीजन ने मामले को गंभीर बनाया। सत्र न्यायालय का फैसला महत्वपूर्ण होगा। यह कंगना की छवि पर असर डाल सकता है। किसान समुदाय और राजनीतिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय है।
